कहां -कहां पढ़ें नीट टॉपर शोएब, कोचिंग के धंधे में क्या टॉपर भी हो गए शामिल
दोनों ही संस्थानों का कहना है कि शोएब ने उनके यहां नियमित कक्षा नहीं ली बल्कि उनकी दूरस्थ शिक्षा व्यवस्था का लाभ उठाया है। इसके तहत एक निर्धारित फीस चुकाने पर उन्हें संस्थान की ओर से लिखित पाठ्य सामग्री दी गई ।
लखनऊ नीट टॉपर शोएब आफताब की प्रतिभा को निखारने वाले गुरु कितने हैं। क्या एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के बूते पर सफलता मिलना मुमकिन नहीं है। शोएफ आफताब और कोचिंग संस्थानों के दावे तो कुछ ऐसे ही हैं। नीट और जेईई की परीक्षा तैयारी कराने वाले देश के बड़े कोचिंग संस्थानों में इन दिनों अघोषित युद्ध छिड़ा हुआ है। सभी नीट परीक्षा टॉप करने वाले शोएब आफताब को अपने संस्थान का छात्र बता रहे हैं। दिलचस्प यह भी है कि शोएब भी अलग-अलग संस्थानों के दावों को सही ठहरा रहे हैं ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या शोएब की प्रतिभा वाकई असंदिगध मानी जा सकती है या कोचिंग संस्थानों के दावे निराधार हैं।
अभिभावक की तरह जांच - पड़ताल
न्यूज ट्रैक ने इस सिलसिले में जब विभिन्न कोचिंग संस्थानों के लखनऊ स्थित केंद्रों से संपर्क किया और एक अभिभावक की तरह जांच - पड़ताल की तो कोचिंग संस्थानों ने अपने दावे को सही बताया और अलग- अलग कारण बताए। एलन कोचिंग संस्थान ने दावा किया है कि शोएब ने उसके कोटा स्थित सेंटर में नियमित कक्षाओं में पढ़ाई की है। दूसरी ओर ग्रेविटी और आकाश इंस्टीट्यूट का दावा कुछ अलग है। दोनों ही संस्थानों का कहना है कि शोएब ने उनके यहां नियमित कक्षा नहीं ली बल्कि उनकी दूरस्थ शिक्षा व्यवस्था का लाभ उठाया है। इसके तहत एक निर्धारित फीस चुकाने पर उन्हें संस्थान की ओर से लिखित पाठ्य सामग्री दी गई ।
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कोचिंग संस्थानों और शोएब का दावा भ्रामक
वीडियो आधारित अध्ययन सामग्री भी संस्थान की ओर से ऐसे विद्यार्थियों को दी जाती है। इस पाठ्य सामग्री की मदद से विद्यार्थी अपनी तैयारी करते हैं और संस्थान को अपने सवाल भेजते हैं जिनका उत्तर उन्हें लिखित तौर पर उपलब्ध कराया जाता है। शोएब आफताब ने भी कुछ पत्रकारों के सवाल पर ऐसा ही जवाब दिया है और कहा कि उन्होंने अन्य संस्थानों की दूरस्थ शिक्षा व्यवस्था की मदद ली है।
लखनऊ के शिक्षक जेपी सिंह का कहना है कि कोचिंग संस्थानों और शोएब का दावा भ्रामक है। अगर कोई स्टूडेंट पहले से ही किसी कोचिंग में नियमित कक्षा में पढ़ाई कर रहा है तो उसे दूरस्थ की जरूरत क्या है। एक अभिभावक रामजी उपाध्याय कहते हैं कि इस तरह से अगर नीट परीक्षा पास होने लगी तब तो अभिभावकों को एक साथ आधा दर्जन कोचिंग संस्थानों की मदद लेनी पड़ेगी। इससे बच्चे के भी भ्रमित होने की आशंका बढ़ जाएगी। सवाल यह भी है कि क्या एक संस्थान से पूरी शिक्षा मिलना संभव नहीं है।
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कोचिंग के बिजनेस में मौका गंवाना बर्दाश्त नहीं
कोचिंग का कारोबार भारत में तेजी के साथ बढ़ रहा है। जिस तरह से सरकारी और निजी स्कूलों में पठन-पाठन का माहौल खराब हुआ है उसका फायदा निजी कोचिंग संस्थान उठा रहे हैं। एक सर्वे के अनुसार भारत में कोचिंग का कारोबार 70 से 80 अरब रुपये का हो चुका है। ऐसे में परीक्षा के टॉपर को लेकर कोई भी संस्थान समझौता करने को तैयार नहीं है।
यही वजह है कि अगले साल नीट या जेईई की परीक्षा तैयारी में जुटे विद्यार्थी और अभिभावक को प्रभावित करने के लिए कोचिंग संस्थान येन-केन प्रकारेण टॉपर की फोटो अपने कैंपस में देखना चाहते हैं। टॉपर का बयान और फोटो आज के दौर में बिजनेस के लिए बहुत जरूरी है, बहुत जरूरी है,किसी भी कीमत पर।
अखिलेश तिवारी