रायबरेली में भी राम भरोसे चल रही है कोचिंग, सूरत हादसे में हुई थी 20 की मौत

बड़ी बड़ी बिल्डिंगों में कोचिंग संस्थान चल रही हैं जिसके कारण कोई ना कोई दुर्घटना किसी भी वक़्त हो सकती है। अगर जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया तो किसी दिन बड़ी घटना हो सकती है।

Update: 2019-05-25 13:34 GMT

रायबरेली: सूरत के कोचिंग संस्थान में दर्जनों बच्चो के असमय काल के मुहं में समाये जाने के बाद भी उत्तर प्रदेश और रायबरेली का जिला प्रसाशन अपनी जिम्मेदारी लेने के बजाय कागजी घोड़े दौड़ा कर अपने दामन को बचाने में जुटा है।

रायबरेली में हालत यह है कि जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में लगभग 143 कोचिंग संस्थान पंजीकृत है। लेकिन जिस विभाग को सुरक्षा मानकों को पूरा होने का प्रमाण पत्र देने की जिम्मेदारी है। उसे खुद नहीं पता की जिले में कितने कोचिंग संस्थान चल रहे है। सूरत का मामला सामने आने पर डीआईओएस ने कोचिंग संस्थानों को एडवाइजरी जारी कर अपनी जिम्मेदारी पूरा मान बैठे। फिलहाल रायबरेली के कोचिंग संस्थानों ,में पढ़ने वाले बच्चो का गार्जियन केवल भगवान ही है।

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रायबरेली जिले में लगभग 143 कोचिंग पंजीकृत है जबकि सैकड़ो ऐसे कोचिंग केंद्र है जिनके बारे में जिला प्रसाशन को पता नहीं है। सरकार द्वारा कोई स्पष्ट आदेश न होने के चलते कोचिंग संचालक मनमाने तरीके से कोचिंग चला रहे है और अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रहे और जिला प्रसाशन आंखे बंद कर बैठा हुआ है।

डीआईओस का कहना है की उन्होंने कोचिंग संस्थानों को एडवाइजरी जारी कर दिया है। और यह भी कहा अगर कोई कोचिंग संचालक मानक पूरा नहीं करता तो वह जून तक कोचिंग नहीं चला सकता। वही अग्निशमन अधिकारी का कहना है की उन्हें खुद नहीं पता की जिले में कितने कोचिंग संसथान चल रहे है।

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सूरत की घटना के बाद आज रायबरेली के कोचिंग संस्थानों में सन्नाटा पसरा रहा, कोचिंग संस्थान संचालक छात्रों की सुरक्षा को लेकर अपने अपने तर्क दे रहे है। उनका कहना है की उनके यहाँ पढ़ने वाले छात्र समझदार है। उनको फायर उपकरण चलाने की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। लेकिन संसथान कैसे चल रहे है यह तस्वीरें खुद बोल रही है।

बड़ी बड़ी बिल्डिंगों में कोचिंग संस्थान चल रही हैं जिसके कारण कोई ना कोई दुर्घटना किसी भी वक़्त हो सकती है। अगर जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया तो किसी दिन बड़ी घटना हो सकती है।

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