Barabanki News: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किया कृषि प्रक्षेत्र रामनगर का औचक निरीक्षण, बहराइच में भी किया निरीक्षण
Barabanki News: निर्देशित किया गया कि उच्च गुणवत्ता के बीज उत्पादन किये जाएं, जिससे प्रदेश में कहीं कोई बीच की समस्या ना हो एवं उच्च गुणवत्ता के बीच किसानों तक आसानी से पहुंचाये जा सकें;
Barabanki News: उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा कृषि प्रक्षेत्र रामनगर का औचक निरीक्षण किया गया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए कैबिनेट मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया कि उच्च गुणवत्ता के बीज उत्पादन किये जाएं, जिससे प्रदेश में कहीं कोई बीच की समस्या ना हो एवं उच्च गुणवत्ता के बीच किसानों तक आसानी से पहुंचाये जा सकें, समय से फसल कटाई करने हेतु निर्देशित किया गया।
सूर्य प्रताप शाही द्वारा आगामी आने वाली फसलों की समय से बुवाई करने, किसानों को भ्रमण कराने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि समय-समय पर उच्च अधिकारी फॉर्म का निरीक्षण करते रहें जिससे उच्च गुणवत्ता का बीज उत्पादन कराया जा सके। मंत्री ने अरहर की खराब फसल देखकर नाराजगी भी व्यक्त की और निर्देशित किया कि अच्छे बीज का बीज उत्पादन कराया जाए जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता का बीज प्राप्त हो सके।
इस मौके पर मौजूद संयुक्त कृषि निदेशक अयोध्या एके मिश्र को निर्देशित किया कि समय-समय पर निरीक्षण करते रहे जिससे कर्मचारियो को सुगमता रहे। मौके पर मौजूद संयुक्त कृषि निदेशक मुख्यालय अनिल कुमार सागर को भी आवश्यक निर्देश दिए और समय-समय पर निरीक्षण करने हेतु निर्देशित किया गया। उपजिला अधिकारी पवन कुमार से क्राफ्ट कटिंग का हाल जाना। मौके पर जिला कृषि अधिकारी राजितराम वर्मा सहायक विकास अधिकारी डॉक्टर दलबीर सिंह प्रक्षेत्र अधीक्षक जितेन्द्र कुमार चौरसिया क्षेत्राधिकारी एवम अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
कृषि विज्ञान केन्द्र घाघराघाट व बहराइच का कृषि मंत्री ने किया निरीक्षण
Bahraich News: बहराइच में प्रदेश के मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग/प्रभारी मंत्री जनपद बहराइच सूर्य प्रताप शाही ने घाघराघाट स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री शाही ने मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, उप जिलाधिकारी आलोक प्रसाद, जे.डी.ए. कृषि अनिल कुमार सागर, उप निदेशक कृषि शिशिर वर्मा, जिला कृषि अधिकारी सूबेदार यादव, कृषि विज्ञान केन्द्र घाघराघाट के केन्द्र प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. तार्केश्वर, डॉ. एस.के.एस. राजपूत, डॉ. शैलेन्द्र सिंह व डॉ. संदीप चौरसिया तथा प्रगतिशील कृषकों के कृषि विज्ञान केन्द्र के आवासीय परिसर में पौधरोपण किया।
कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित गतिविधियों की जानकारी प्रदान करते हुए केन्द्र प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने मा. मंत्री को अवगत कराया कि 36 हेक्टेयर भू-भाग में फैला कृषि विज्ञान केन्द्र उत्तर प्रदेश में गहरे पानी के धान के लिए यूनिक सेन्टर है। यहां पर सेमी डीप व डीपवाटर के परीक्षण लगाये जाते हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र में अखिल भारतीय समन्वित कृषि शोध योजनान्तर्गत परीक्षण लगाये जाते हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा अभी तक तैयार की गईं 10-12 प्रतातियां अनुमोदित हो चुकी है। जो बाढ़ क्षेत्र के किसानों के लिए अत्यन्त उपयोगी हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर तैयार की गई प्रजातियों से कृषकों को लगभग 30 कुण्टल प्रति हेक्टेयर की उपज प्राप्त हो जाती है। डॉ. सिंह ने बताया कि रबी के मौसम में केन्द्र द्वारा बीज उत्पादन का कार्य किया जाता है।
मंत्री श्री शाही ने प्रक्षेत्र भ्रमण करते हुए मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि मुख्य मार्ग से कृषि विज्ञान केन्द्र की कनेक्टिवी को बेहतर को किया जाय तथा यहां पर किसानों के लिए सुविधाओं का विकास किया जाय ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के कृषक कृषि विज्ञान केन्द्र का बेहतर ढंग से लाभ प्राप्त कर सकें। श्री शाही ने सीडीओ को यह भी निर्देश दिया कि कृषि विज्ञान केन्द्र के जर्जर भवनों के जीर्णाेद्वार के लिए कार्ययोजना तैयार करें। मंत्री श्री शाही ने कहा कि आकांक्षी जनपद बहराइच बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यह कृषि विज्ञान केन्द्र जनपद के कृषकों के लिए अत्यन्त उपयोगी है। उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों का आहवान किया कि कृषक हित के जिले के किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित करें।
इसके उपरान्त मंत्री शाही ने कृषि विज्ञान केन्द्र बहराइच पहुंचकर मधुमक्खी पालन इकाई, बेबी कार्न व मक्का क्षेत्र, मशरूम उत्पादन इकाई, पाली हाउस, प्रशिक्षण भवन तथा कार्यालय भवन इत्यादि की साफ-सफाई का जायजा लेते हुए व्यवस्थाओं पर संतोष जताया। इस अवसर पर मौजूद वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि केन्द्र प्रभारी डॉ संदीप कुमार कनौजिया से आवश्यक जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिया कि जिले के किसानों को वैज्ञानिक तकनीकी आधारित खेती के लिए प्रोत्साहित करें।