Barabanki News: अमर शहीद मंगल पांडे का 168वां शहादत दिवस आज ‘आक्रोश दिवस’ के रूप में मनाया गया

Barabanki News: 8 अप्रैल 2025 को अमर शहीद मंगल पांडे के 168वें शहादत दिवस को "आक्रोश दिवस" ​​के रूप में मनाया जाएगा।;

Update:2025-04-08 15:02 IST
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अमर शहीद मंगल पांडे का 168वां शहादत दिवस आज ‘आक्रोश दिवस’ के रूप में मनाया गया (social media)

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Barabanki News: 8 अप्रैल 2025 को अमर शहीद मंगल पांडे के 168वें शहादत दिवस को 'आक्रोश दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की पहली गोली चलाने वाले अवध के मंगल पांडे को इसी दिन फांसी दी गई थी। इस अवसर पर राष्ट्रीय किसान क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मंगल पांडे सेना के राष्ट्रीय संयोजक अमरेश मिश्रा ने बाराबंकी जिले में एक सभा को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि भारत आज एक अजीबोगरीब चौराहे पर खड़ा है। जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां बदल रही हैं, ऐसे में फिर से 1857 की विचारधारा की ओर लौटने की जरूरत है।

राष्ट्रवाद और विकास का एक नया मॉडल पेश करें

आज के विश्व में केवल वही देश टिक सकते हैं जो मजबूत आर्थिक, सैन्य और सांस्कृतिक विकास कर सकें और यह तभी संभव है जब समाज का हर हिस्सा एकजुट होकर इन समस्याओं से मिलकर लड़े। राष्ट्रवाद और विकास का एक नया मॉडल पेश करें। 1857 के क्रांतिकारियों ने किसान पूंजीवाद का एक बेहतरीन मॉडल पेश किया था जिसमें कहा गया था कि भारत को किसानों पर आधारित पूंजीवादी विकास की ओर बढ़ना चाहिए। हमें 1947 में आजादी मिल गई लेकिन 1857 का एजेंडा जस का तस रहा। इस बैठक की मांग है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने अमर शहीद मंगल पांडे की एक विशाल प्रतिमा स्थापित की जाए। दूसरी मांग यह है कि 1857 से 1867 तक शहीद हुए 1,00,00,000 देशभक्तों के लिए इंग्लैंड से माफी और मुआवजे की मांग की जाए। आपको बता दें कि इसमें अवध के 1 करोड़ 25 लाख लोग शहीद हुए

हिंदुस्तानियों का कत्लेआम किया

तीसरी बात भारत में जो जिन अंग्रेजों ने भारतीयों की क्रूर हत्याएं की उनकी खबरें अभी जस की तस बनी हुई है और उनका मैं महिमामंडन हो रहा है। ये स्थिति किसी भी तरीके से सही नहीं जाएगी और जो बड़े बड़े ब्रिटिश ऑफिसर है उनकी प्रतिभाएं या तो हटाई जाए और या उनके बगल में ये लिख दिया जाए कि इन अफसरों ने कैसे हिंदुस्तानियों का कत्लेआम किया।

भारत की जो 8000 साल पुरानी संस्कृति है अगर उसको पुनर्जीवित करना है तो यहाँ के किसानों और गरीब तबकों के हाथ में सत्ता सौंपनी होगी। अभी वक्फ को लेकर एक हिंदू मुस्लिम विवाद पैदा किया जा रहा है। बक्फ की संपत्ति लगभग 39,00,000 एकड़ है। करीब 20,00,000 एकड़ मंदिरों की संपत्ती है। इसाई भारत में एक या 2% है। पर उनकी चर्च की संपत्ती 17,00,00,000 एकड़ है। 1857 हमारे धर्म की भी लड़ाई थी की कैसे हिंदू मुस्लिम धर्मों को इसाई होने से बचाया जाए। हम हिंदू मुसलमानों को मिल के जो संपत्ति अंग्रेजों द्वारा भारत में हड़प कर चर्च और इसाईयों को दी गयी थी, उसको हमको फ्री करके यहाँ के विकास के काम में लगाना होगा।

किसान को मासिक 18,000 न्यूनतम आय प्रतिमाह मिलनी चाहिए ये उसका हक है और राष्ट्रवादी किसान क्रांति दल के प्रदेश अध्यक्ष राम जी तिवारी ने बताया किसानों का उत्पीड़न हो रहा है किसने की फैसले खड़ी खेत में जल रही हैं जिसका कोई मुआवजा नहीं दिया जा रहा है सरकार के द्वारा जो की अत्यंत आवश्यक है ऐसा न करने पर किस क्रांति दल प्रदेश इकाई बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।

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