नोटबंदी के बाद लघु उद्यमियों पर ये नई आफत, IIDC ने बुलवाई बैठक

नोटबंदी और जीएसटी के कारण पहले से ही हलकान उत्तर प्रदेश के सैकड़ों लघु उद्यमियों के सामने एक नई समस्या आ गई है जिससे उनके रोज़मर्रा के व्यवसाय में ही नहीं बल्कि वर्किंग कैपिटल पर भी संकट खड़ा हो गया है।

Update: 2017-10-14 06:24 GMT

लखनऊ: नोटबंदी और जीएसटी के कारण पहले से ही हलकान उत्तर प्रदेश के सैकड़ों लघु उद्यमियों के सामने एक नई समस्या आ गई है जिससे उनके रोज़मर्रा के व्यवसाय में ही नहीं बल्कि वर्किंग कैपिटल पर भी संकट खड़ा हो गया है।

ऐसे तमाम छोटे व्यापारी हैं जिनका काफी लेनदेन छोटे नोट और दस रूपए के सिक्कों के माध्यम से होता है लेकिन प्रदेश में अनेक बैंकों द्वारा सिक्के लेने से इंकार करने की वजह से ये छोटे उद्योग बेहद मुश्किल में आ गए हैं। मामला इतना गंभीर हो गया है कि सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ गई है।

लघु एवं मध्यम उद्योग के हित देखने वाली अखिल भारतीय संस्था 'लघु उद्योग भारती ' के महासचिव रवींद्र सिंह ने सरकार को समस्या से रूबरू कराया और उद्योगों पर इससे होने वाले प्रतिकूल प्रभाव बताये। उन्होंने newstrack.com से बातचीत में बताया कि कुछ लघु उद्योग तो ऐसे हैं जिनके पास लाखों की रेज़गारी है लेकिन बैंक लेने को तैयार नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश के औद्योगिक निवेश विकास आयुक्त (आईआईडीसी) अनूप चंद्र पांडेय ने इस संबंध में सम्बंधित अधिकारियों और रिज़र्व बैंक के अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इसमें इस समस्या के निदान पर चर्चा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार छोटे उद्यमियों के हितों की रक्षा के लिए संकल्पित है और इसके लिए कुछ भी किया जाएगा।

उन्होंने यह स्वीकार किया कि रेज़गारी से सम्बंधित इस तरह की समस्या रोज़ रोज़ नहीं नहीं आती है इसलिए इसको प्रारंभिक स्टेज पर ही समाप्त करने की आवश्यकता है। इसलिए उन्होंने तुरंत बैठक बुलाई है।

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