लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ स्कीम के लिए जारी धन को निजी एनजीओ महिला समाख्या को जारी करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस एसएन शुक्ल और जस्टिस अनंत कुमार की बेंच ने इस मामले में एनजीओ और यूपी सरकार से 28 जुलाई तक जवाब मांगा है। इस मामले में सैयद मंसूर मिसाल जैदी ने याचिका दाखिल की थी।
याचिका में क्या कहा गया?
-याचिका में कहा गया कि केंद्र ने राज्य सरकार को सवा 4 करोड़ रुपए जारी किए।
-राज्य सरकार ने इसमें से 4 करोड़ रुपए एनजीओ महिला समाख्या को जारी कर दिए।
-आरोप है कि एनजीओ ने कोई काम नहीं किया और सभी डीएम और अफसरों ने उसे सर्टिफिकेट भी नहीं दिया।
-याचिका में आरोप लगाया गया है कि एनजीओ को गैरकानूनी तरीके से काम दिया गया और उसने रकम हड़प ली।
मुवक्किलों को बड़ी राहत
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुलतानपुर और रायबरेली के हजारों वकीलों और मुवक्किलों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि अमेठी के जिला बनने से पहले जो केस सुलतानपुर या रायबरेली जिलों में चल रहे थे, वे वहीं चलेंगे और इन्हें अमेठी जिला अदालत में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। जस्टिस एसएन शुक्ल और जस्टिस अनंत कुमार की बेंच ने अमेठी जिले के गठन संबंधी 4 जुलाई 2013 का शासनादेश देखने के बाद ये आदेश दिया।