Chitrakoot News: कैंटीन में सामग्री सप्लायर का जेल कनेक्शन में आया नाम, तलाश शुरु

Nikhat Bano Case: दो दिन तक निखत किसी तरह जेल कनेक्शन के असली राज को छिपाए रही, लेकिन जब टीमों के सवालों के घेरे में आई तो वह आखिरकार टूट गई ।

Update: 2023-02-20 15:34 GMT

 चित्रकूट: कैंटीन में सामग्री सप्लायर का चित्रकूट जेल कनेक्शन में आया नाम, तलाश शुरु

Chitrakoot News: निखत बानो से लगातार तीन दिन एसआईटी समेत अन्य कई टीमों ने पुलिस लाइन में पूछताछ किया है। एसआईटी का मुख्य बिंदु उसकी जेल में हुई इंट्री के क्या राज रहे और उसमें किसने किस तरह की भूमिका निभाई है, इसकी जानकारी हासिल करना रहा है। सूत्र बताते हैं कि दो दिन तक निखत किसी तरह जेल कनेक्शन के असली राज को छिपाए रही, लेकिन जब टीमों के सवालों के घेरे में आई तो वह आखिरकार टूट गई और जेल कनेक्शन का असली राज एसआईटी के सामने उगल दिया।

सूत्रों की मानें तो विधायक अब्बास अंसारी के 19 नवंबर को जिला कारागार रगौली में शिफ्ट होने के साथ ही निखत बानो का यहां आगमन शुरु हो गया था। उसने खुद की जेल में इंट्री करने के लिए कुछ मददगार तैयार किए। इनमें सपा पदाधिकारी उसका करीबी मददगार बना। इसी के जरिए उसने जेल कनेक्शन तैयार किया। सूत्रों के दावे है कि सपा पदाधिकारी ने जेल में निखत की इंट्री कराने के लिए कैंटीन का रास्ता चुना। जिसमें कैंटीन की सामग्री सप्लाई करने वाले से सेटिंग की गई। इसके बाद जेल कनेक्शन के रास्ते में जो सामने आ रहे थे, उनको उपकृत किया गया। यहीं से निखत बानो की जेल में बेधड़क इंट्री होने लगी।

एसआईटी को पूछताछ में जब यह जानकारी मिली तो जांच और बारीकी के साथ बढ़ा दी गई है। सूत्रों की मानें तो निखत बानो कई गाडियों से जेल आती-जाती रही है। जिनमें एक कार सपा पदाधिकारी के भाई की बताई जा रही है। पुलिस को इस कार के संबंध में जानकारी तो मिली थी, लेकिन वह अभी तक नजरअंदाज किए हुए थी। पिछले दो दिनों से इस कार को लेकर सपा पदाधिकारी का भाई भी गायब बताया जा रहा है। बताते हैं कि सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को इस कार से निखत बानो के जेल आने-जाने के साक्ष्य भी हाथ लगे है।

फोन बंद कर भूमिगत हो गया सप्लायर

निखत बानो जिस दिन पुलिस की शिकंजे में आई थी, उसी दिन उसका करीबी मददगार सपा पदाधिकारी भूमिगत हो गया था। इसके बाद उसने अपने फोन बंद और भाई भी कार लेकर गायब हो गया। इधर पूछताछ के दौरान जब निखत बानो ने जेल कनेक्शन के राज उगले तो इसमें असली भूमिका निभाने वाला जेल कैंटीन का सप्लायर सामने आया। सूत्रों की मानें तो खुद का नाम सामने आने की भनक लगी तो वह एसआईटी के शिकंजे में आने से पहले ही भूमिगत हो गया। उसके फोन भी बंद बताए जा रहे है। हालांकि एसआईटी उसकी तलाश में जुट गई है।

सपा नेता के बगल की होटल से जाता था खाना

एक दिन पहले ही सपा नेता के घर पुलिस पहुंची थी। लेकिन सपा नेता व उसका भाई नहीं मिला तो पुलिस पिता को ही उठा लाई। बताते हैं कि पुलिस ने पिता से पूछताछ कर कुछ जानकारी ली है। सूत्र बताते हैं कि पिता ने कुछ बातें पुलिस को बताई है। जिसमें पुलिस को बताया कि निखत बानो व उसके यहां रहने वाले अन्य सदस्यों के लिए बगल के होटल से खाना जाता रहा है। यहीं से उसके बेटे की कार बुंकिंग के तौर पर लेकर निखत बानो के आने-जाने को उसके लोग ले जाने लगे। सूत्रों की मानें तो पिता ने पुलिस को यह भी बताया कि जेल कैंटीन में खाद्य सप्लाई करने वाले सप्लायर ने ही मुख्य रुप से उसके बेटे को मिलाया था। यह सप्लायर अपने वाहन में एक जनप्रतिनिधि का लोगो लगाकर चल रहा है।

सपा नेता पुलिस के दबाव में कोतवाली में हुआ सरेंडर

निखत अंसारी जेल कांड के मामले में कई दिनों से सपा जिला महासचिव फराज खान भूमिगत था सोमवार की शाम कोतवाली पुलिस के सामने किया सरेंडर। माफिया मुख्तार अंसारी की बहू निखत अंसारी और उसके ड्राइवर नियाज की गैरकानूनी कार्य में मदद को लेकर लगातार सुर्खियों में था फराज। लेकर कल पुलिस ने उसके घर में दी थी दबिश। फराज के न मिलने पर उसके पिता मुन्ने खान को पुलिस ने कोतवाली में बैठाला पारिवारिक मोह में सपा नेता खुद को पुलिस के सामने सरेंडर करने पर हुआ मजबूर। कोतवाली प्रभारी का कहना कि निखत बानो 10 फरवरी को जेल में अनाधिकृत रूप से अब्बास अंसारी के साथ पकड़ी गई थी जिसमे मदत गारो में फराज खान का नाम आया जिसे पूछ ताछ के लिए खोजा जा रहा था ।

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