चर्चित मामलों के सबसे बड़े वकील,निर्भया के दोषियों,सीमा हैदर और चिन्मयानंद के बाद अब भगदड़ वाले बाबा के बचाव में उतरे एपी सिंह
Hathras Stampede: इस हृदय विधायक घटना से पूरा देश हिल गया है और लोगों में जबर्दस्त गुस्सा दिख रहा है। भोले बाबा ने भी अपने केस की जिम्मेदारी एपी सिंह को ही सौंपी है।
Hathras Stampede: सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह यूं ही चर्चाओं में नहीं रहते। उन्होंने देश ऐसे केस भी लड़े हैं जिनके बारे में कहा जा रहा था कि गुनहगारों को वकील तक मिलना मुश्किल होगा। दिल्ली के निर्भया कांड को लेकर पूरे देश में गुस्से का ज्वार भड़क उठा था मगर एपी सिंह ने निर्भया के गुनहगारों को भी बचाने की कोशिश की थी। हाल में पाकिस्तान की सीमा हैदर को लेकर भी वे काफी सुर्खियों में रहे।
अब वे हाथरस कांड को लेकर चर्चा में आए बाबा विश्व साकार हरि यानी भोले बाबा का केस भी लड़ेंगे। हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस हृदय विधायक घटना से पूरा देश हिल गया है और लोगों में जबर्दस्त गुस्सा दिख रहा है। भोले बाबा ने भी अपने केस की जिम्मेदारी एपी सिंह को ही सौंपी है।
बाबा ने पैरवी की जिम्मेदारी एपी सिंह को सौंपी
हाथरस में मंगलवार को भोले बाबा के प्रवचन का आयोजन किया गया था। सत्संग स्थल से बाबा के निकलने के बाद लोग उनका चरण रज लेने और दर्शन करने के लिए आतुर हो गए। इसी दौरान वहां भगदड़ मच गई जिसमें कुचलकर 121 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है। इस हादसे में बाबा के सेवादारों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। जानकारों का कहना है कि सेवादारों ने भी भक्तों को धक्के दिए जिससे भगदड़ के हालात पैदा हुए। भक्तों पर पानी फेंकने की बात भी कहीं जा रही है जिससे कीचड़ पैदा हुआ और लोग फिसल-फिसल कर गिरने लगे।
हादसे के बाद भोले बाबा का बयान भी सामने आ चुका है। उनका कहना है कि उनके सत्संग स्थल से जाने के बाद भगदड़ मची। उन्होंने मारे गए लोगों के प्रति संवेदना तो जताई है। साथ ही अपने बचाव की जिम्मेदारी एपी सिंह यानी अजय प्रकाश सिंह को सौंपी है। इस घटना को लेकर पीड़ित परिवारों के साथ ही अन्य लोगों में भी काफी गुस्सा है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने बाबा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अब ऐसे माहौल में एपी सिंह बाबा और उनके सेवादारों को के बचाव की कोशिश करेंगे।
सीमा हैदर की भी की थी पैरवी
यह पहला मौका नहीं है जब एपी सिंह ने किसी विवादित केस में हाथ लगाया है। वे अभी तक कई ऐसे मामलों में वकील रहे हैं जिन मामलों की देश में खूब गूंज सुनाई पड़ी है। अभी हाल में वे उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने पाकिस्तान से आई महिला सीमा हैदर की पैरवी की थी। सीमा हैदर हर मौके पर अपने बचाव के लिए एपी सिंह का आभार जताती रही हैं।
इसके अलावा एपी सिंह देश भर में चर्चित होने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों की भी पैरवी कर चुके हैं। उन्होंने बलात्कार के मामले में स्वामी चिन्मयानंद का भी केस लड़ा है। इस मामले को लेकर भी देश के सियासी हल्कों में काफी हो हल्ला मचा था।
मां के कहने पर लड़ा था निर्भया के आरोपियों का केस
निर्भया कांड के आरोपियों का केस लड़ते समय एपी सिंह से यह सवाल भी पूछा गया था कि आखिरकार उन्होंने यह केस अपने हाथ में क्यों लिया। इसका जवाब देते हुए उनका कहना था कि उन्होंने अपनी मां के कहने पर यह केस लड़ा था। एपी सिंह ने एक बार बातचीत में खुलासा किया था कि एक दिन जब वे कोर्ट से लौटे तो उनकी मां ने उन्हें बताया कि एक महिला अपने चार महीने के बेटे के साथ घर पर आई थी। वह काफी परेशान थी। तुम उनका केस लड़ लो।बाद में जब उन्होंने केस से जुड़े हुए कागजात देखे तो उन्हें पता चला कि यह मामला निर्भया कांड के आरोपी अक्षय का है।
उनका कहना था कि इस पर मैंने अपनी मां को बताया था कि इस कांड को लेकर पूरे देश में काफी गुस्सा है और पूरा देश आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहा है। इस पर मेरी मां का कहना था कि तुम्हारा काम वकालत करना है और यह तुम्हारा पेशा है। इसी के लिए मैंने तुम्हें वकील बनाया है।इस तरह मां के कहने पर आखिरकार उन्होंने निर्भया कांड के आरोपियों का केस लड़ा था। उनका कहना था कि वे आज भी अपनी मां के कहने पर अपना काम करने में जुटे हुए हैं।
इस केस के कारण टूट गए सारे रिश्ते-नाते
निर्भया कांड में उन्होंने दोषियों को फांसी की सजा देने का विरोध किया था। उनका कहना था कि दोषी को फांसी नहीं बल्कि उम्र कैद की सजा होनी चाहिए। हालांकि वे दोषियों को फांसी के फंदे से बचाने में नाकाम साबित हुए थे। उनका कहना है कि इससे पहले भी वे फांसी के 17 मामलों में को उम्र कैद में बदलवाने में कामयाब हुए थे।इस केस को लड़ने के कारण उनके खिलाफ लोगों ने काफी तल्ख टिप्पणियां की थीं। इस केस को लड़ने के कारण उनके कई लोगों से रिश्ते-नाते भी टूट गए। उनका कहना है कि इतना दबाव होने के बावजूद उन्होंने न्याय के लिए संघर्ष किया।
उनका कहना है कि उनके ऊपर सरकार और राजनीतिक दबाव भी पड़ा मगर इसके बावजूद वे कभी अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटे।बाबा राम रहीम और हनीप्रीत का केस भी लड़ रहेएपी सिंह का कहना है कि वे कई अन्य ऐसे केस भी लड़ चुके हैं जिनकी देशभर में खूब चर्चा रही है। वे बाबा राम रहीम, हनीप्रीत केस,राजस्थान के बहुचर्चित आनंदपाल केस और संत रामपाल का केस भी लड़ रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि अतीत में उन्हें देश के सबसे चर्चित वकीलों में गिने जाने वाले राम जेठमलानी का काफी सपोर्ट मिला था।
एपी सिंह के मुताबिक स्वामी चिन्मयानंद का केस लड़ने के कारण उन्हें अपने गृह जनपद शाहजहांपुर में लोगों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा था। लोगों का कहना था कि मैं दिल्ली में भी बलात्कारियों को बचाने में जुटा था और यहां भी। उनका कहना है कि उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद के सुखदेवा कॉलेज से पढ़ाई की है और उनका केस लड़ कर मैंने अपने फर्ज को निभाया है। लोगों के तीखे विरोध के बावजूद मैं इस केस को लड़ने से भी पीछे नहीं हटा। अब एपी सिंह बाबा भोलेनाथ के केस में भी पैरवी करते हुए दिखेंगे।
जांच में पूरी मदद करेंगे बाबा भोलेनाथ
बाबा भोलेनाथ की पैरवी करने के लिए एपी सिंह अलीगढ़ पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक हादसा है जो अराजक तत्वों के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है और बाबा कहीं भागे नहीं हैं। वे उत्तर प्रदेश में ही है। जब भी जांच टीम को उनकी जरूरत होगी और उन्हें बुलाया जाएगा,वे जांच में पूरी मदद करेंगे।
उन्होंने आयोजकों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे को गलत बताते हुए कहा कि आयोजकों की ओर से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। सत्संग में अनुमान से ज्यादा लोग जुट गए थे और अराजक तत्वों ने इसका फायदा उठाया जिससे इतना बड़ा हादसा हो गया।