सेंट फिडेलिस के वाइस प्रिंसिपल को राहत नहीं, HC ने कहा- जानवर

Update:2016-08-12 04:12 IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजधानी के सेंट फिडेलिस स्कूल की आठवीं की छात्रा को प्रताड़ित करने और फिनायल पिलाने के मामले में वाइस प्रिंसिपल की हरकत को हैवानियत की हद पार करने वाला बताया है। बता दें कि इस मामले में वाइस प्रिंसिपल नैंसी लोबो की ओर से अरेस्ट पर स्टे के लिए अर्जी दाखिल की गई थी। जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस आरएन मिश्रा के कोर्ट ने ये अर्जी खारिज कर दी है।

क्या है मामला?

बीते दिनों सेंट फिडेलिस स्कूल की आठवीं की छात्रा के पानी के बोतल में फिनायल रख दी गई थी। जिसे पीने के बाद वह बीमार पड़ गई थी। छात्रा के घरवालों का कहना था कि काफी दिनों से स्कूल में उसे कोई परेशान कर रहा है। पहले भी छात्रा के बैग में लव लेटर रखे गए थे। फिनायल कांड के बाद एक चिट्ठी उसके बैग में रखी गई थी। उसमें भी प्रेम की बात कही गई थी। पहले तो छात्रा चुप रही, लेकिन बाद में उसने पुलिस को बताया था कि वाइस प्रिंसिपल उससे ये हरकतें कर रहे हैं। करियर खराब होने के डर से वो उनका नाम पहले किसी को नहीं बता रही थी।

कोर्ट ने जानवर तक कह दिया

सेंट फिडेलिस के वाइस प्रिंसिपल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जानवर तक की संज्ञा दे दी। इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल ने भी रिट दाखिल की है। जिस पर 23 अगस्त को सुनवाई होनी है, लेकिन कोर्ट के रुख से साफ है कि उन्हें भी शायद राहत न मिले। कोर्ट ने वाइस प्रिंसिपल की अर्जी पर कहा कि माता-पिता अपने बच्चे को इस भरोसे पर स्कूल भेजते हैं कि वहां उन्हें सुरक्षा मिलेगी, लेकिन इस केस में अभियुक्तों ने हैवानियत की हद पार कर दी।

आरोपी के वकील को भी सुनना पड़ा

कोर्ट में सरकारी वकील स्मृति सहाय ने पीड़ित बच्ची का कलमबंद बयान पेश कर कहा कि इससे साफ है कि याची ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उससे हैवानियत की। ऐसे लोगों को राहत नहीं मिलनी चाहिए। वाइस प्रिंसिपल के वकील गौरव मिश्रा को भी कोर्ट ने खरी-खरी सुनाई। कोर्ट ने कहा कि उन्होंने इस प्रकार के केस में बहस करने से पहले क्या एक बार भी नहीं सोचा।

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