Sonbhadra: मिर्जापुर के सिक्योरिटी पेपर पर सोनभद्र में जारी हुए फर्जी परमिट, खान महकमे की जांच में खुलासा, 10 पर एफआईआर

Sonbhadra: खान अधिकारी की तरफ से पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि 30 मार्च 2025 की रात लगभग 11 वह लोढ़ी टोल प्लाजा के समीप खनिज भरे वाहनों की जांच कर रहे थे।;

Update:2025-04-07 17:47 IST

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Sonbhadra News: मिर्जापुर में बंद हो चुकी खदानों के नाम पर जारी सिक्योरिटी पेपर की आड़ में, सोनभद्र में फर्जी परमिट जारी किए जाने को लेकर बड़ा गिरोह संचालित होने का मामला सामने आया है। गिरोह के साथ, सोनभद्र और मिर्जापुर दोनों जिलों के लोगों को जुड़ने की बात सामने आई है। प्राथमिक जांच में सामने आए जानकारी के आधार पर ज्येष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से 11 के खिलाफ धोखाधड़ी, खनिज संपदा की चोरी और राजस्व के नुकसानी का केस दर्ज कराया गया है। प्रकरण में रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस की तरफ से तीन क्रेशर प्लांट संचार को सहित 10 को नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

इस तरह पकड़ में आया परमिट का फर्जीवाड़ा

खान अधिकारी की तरफ से पुलिस को दी गई तहरीर में बताया गया है कि 30 मार्च 2025 की रात लगभग 11 वह लोढ़ी टोल प्लाजा के समीप खनिज भरे वाहनों की जांच कर रहे थे। उसी दौरान गिट्टी भरे वाहन संख्या यूपी 64 बीटी 9918 को रोक कर जांच की गई तो पता चला कि फर्जी परमिट पर परिवहन किया जा रहा है। चालक द्वारा दिखाए गए परमिट की जांच की गई तो पता चला कि फर्जी परमिट के लिए जिस सिक्योरिटी पेपर का इस्तेमाल किया गया है, उसे एमएस माइनिंग वर्क्स संजय कुमार केशरी, बिल्ली मारकुण्डी, से निर्गत और गंतव्य स्थान गाजीपुर दर्शाया गया है । जबकि परिवहन प्रपत्र पर दर्शाए जा रहे सीरियल नंबर की जांच की गई तो पता चला कि मूलतः परिवहन प्रपत्र 02 नवंबर 2024 को एमएस माइनिंग वर्क्स संजय कुमार केशरी के यहां से सीतापुर के लिए निर्गत किया गया था।

चालक से हुई पूछताछ और की गई जांच में यह स्थिति आई सामने

वाहन चालक से पूछताछ करने पर पता चला कि अंकित तिवारी द्वारा एसएन मिश्रा स्टोन क्रशर, बिल्ली मारकुण्डी से गिट्टी लोड कराई गई थी। रास्ते में रायल्टी पेपर आकाश केशरी द्वारा उपलब्ध कराया गया था। प्रकरण को लेकर खान अधिकारी मीरजापुर से जानकारी मंगाई गई तो पता चला कि पकड़े गए फर्जी परमिट में जिस सिक्योरिटी पेपर का इस्तेमाल किया गया है, वह प्रेमनाथ यादव पुत्र जमुना प्रसाद निवाही मनोहरपुर, पहरा, मीरजापुर के पक्ष में उपखनिज सैण्ड स्टोन गिट्टी के लिए निर्गत है। मीरजापुर की तहसील सदर स्थित ग्राम-जरहा (कंतित) के गाटा संख्या-455मि, क्षेत्रफल 0.800 हे. ईमारती पत्थर सैण्ड स्टोन (गिट्टी) की खनन अनुज्ञा के क्रम में यह पेपर निर्गत किया गया था। खान अधिकारी मिर्जापुर की तरफ से उपलब्ध कराई गई आख्या में यह भी अवगत कराया गया कि जिस खदान के लिए सिक्योरिटी पेपर निर्गत किया गया था वह खदान महज 3 माह के लिए स्वीकृत थी और उसके लाइसेंस की अवधि 28 नवंबर 2023 को ही समाप्त हो चुकी है।

इन लोगों द्वारा फर्जी परमिट गिरोह संचालित करने का किया गया दावा

प्रकरण को लेकर राबटर्सगंज कोतवाली पुलिस को उपलब्ध कराई गई तहरीर में दावा किया गया है कि सिक्योरिटी पेपर ओम बाबा क्रेशर प्लांट डगमरपुर के संचालक प्रशांत कुमार सिंह पुत्र योगेंद्र प्रताप सिंह निवासी सिंधोरा डगमगपुर द्वारा सुबोध पाठक पुत्र कृपाशंकर पाठक, हाइडिल कालोनी, चोपन, आकश केशरी पुत्र घनश्याम केशरी निवासी खैरटिया गांव, ओबरा को उपलब्ध कराया जाता है। इसे राहुल पांडेय पुत्र बलदेव पांडेय निवासी वीआईपी रोड डिग्री कालेज, बिल्ली गांव ओबरा और अंकित तिवारी पुत्र कल्लू तिवारी महलपुर निवासी जुगैल के सहयोग से कूटरचित (फोटोशाप एडिट) के जरिए बिल्ली मारकुण्डी से गिट्टी ढोने वाली ट्रको को उपलब्ध कराया जाता है। जिस ट्रक के जरिए फर्जी परमिट में पकड़ में आया वह ट्रक महालपुर के रहने वाले कौशिक तिवारी का है।

इनके-इनके खिलाफ दर्ज किया गया केस

मामले में प्रशांत कुमार सिंह मालिक ओम बाबा क्रेशर प्लांट, डगमगपुर, मीरजापुर, मेसर्स मौर्या स्टोन वर्क्स प्रोपराइटर अरविंद कुमार मौर्या पुत्र पारसनाथ मौर्य निवासी कोईरान बाजार, अहरौरा तहसील चुनार, मीरजापुर, प्रेमनाथ यादव पुत्र जमुना प्रसाद निवासी मनोहरपुर, पहरा, मीरजापुर, सुबोध पाठक पुत्र कृपा शंकर पाठक, हाइड्रिल कालोनी, चोपन, आकश केशरी पुत्र घनश्याम केशरी निवासी खैटिया गांव, ओबरा, राहुल पांडेय पुत्र बलदेव पांडेय निवासी वीआईपी रोड डिग्री कालेज, बिल्ली गांव ओबरा, अंकित तिवारी पुत्र कल्लू तिवारी महलपुर, थाना जुगैल, वाहन स्वामी कौशिक तिवारी पुत्र अनिरुद्ध तिवारी निवासी खरहरा, महलपुर, चालक, एसएन मिश्रा स्टोन क्रशर, बिल्ली मारकुण्डी, ओबरा व अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा-4/21 व लोक सम्पत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 के साथ ही बीएनएस की धारा 317(2), 303(2), 340(2), 338, 336(3), 318(4), 61(2)(इ) के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक मामले की छानबीन की जा रही है।

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