आबादी बचाने को ग्रामीणों ने निकाली हुंकार कार रैली, दिखाए काले झंडे

प्राधिकरण द्वारा दिए गए नोटिस के विरोध में आंदोलनरत ग्रामीणों ने आबादी बचाओं समिति के तत्वावधान में सोमवार को प्राधिकरण के सेक्टर 6 स्थित कार्यालय का घेराव किया। चार बजे तक भाषणबाजी करने के बाद ग्रामीण प्राधिकरण के परिसर में प्रवेश कर गए। यहां पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई।

Update: 2018-01-08 13:37 GMT
आबादी बचाने को ग्रामीणों ने निकाली हुंकार कार रैली, दिखाए काले झंडे

नोएडा: प्राधिकरण द्वारा दिए गए नोटिस के विरोध में आंदोलनरत ग्रामीणों ने आबादी बचाओं समिति के तत्वावधान में सोमवार को प्राधिकरण के सेक्टर 6 स्थित कार्यालय का घेराव किया। चार बजे तक भाषणबाजी करने के बाद ग्रामीण प्राधिकरण के परिसर में प्रवेश कर गए। यहां पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने ओएसडी राजेश सिंह को ग्रामीणों की बात सुनने के लिए भेजा। ग्रामीणों ने उनको वापस कर दिया। प्राधिकरण सीईओ से मिलने पर अमादा रहे। ग्रामीणों में आक्रोष बढ़ा तो उन्होंने स्वागत कक्ष और वीआईपी गेट भी तोड़ दिया। अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। वार्ता के लिए एक प्रतिनिधि मंडल चेयरमैन के रूम में गया। वार्ता के दौरान भी हंगामा जारी रहा।

प्राधिकरण ने कइ गांवों में अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नोटिस जारी की हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह आबादी की जमीन है। अवैध निर्माण नहीं है। इसको लेकर सोमवार को ग्रामीणों ने आबादी बचाओं समिति के बैनर तले कार रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन था। दोपहर करीब 12 बजे भंगेल से कार रैली की शुरुआत की गई। डीएससी रोड से होता हुआ दोपहर करीब डेढ़ बजे काफिला नोएडा प्राधिकरण पहुंचा। रैली भंगेल से सलारपुर, अगाहपुर, बरौला होते हुए अट्टा, मेट्रो सेक्टर-15 से उद्योग मार्ग होते हुए प्राधिकरण पहुंची।

यहां ग्रामीणों के प्रतिनिधियों ने भाषणबाजी की। करीब चार बजे तक नेताओं ने भाषण दिए। इसके बाद प्राधिकरण आला अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्या सुनने के लिए ओएसडी राजेश कुमार सिंह को ग्रामीणों के बीच भेजा ग्रामीणों ने ओएसडी वापस जाओं के नारे लगाए। साथ ही मुख्य कार्यपालक अधिकारी से मिलने की बात कही। करीब 20 मिनट के इंतजार के बाद आक्रोशित ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने स्वागत कक्ष के साथ वीवीआईपी गेट पर धरना तेज कर दिया।

ग्रामीणों ने दिखाए काले झंडे

रैली के दौरान यातायात नियमों का खुला माखौल उड़ाया गया। इस दौरान ग्रामीण ट्रेक्टर और लग्जरी गाड़ियों से प्राधिकरण पहुंचे। रैली के दौरान ग्रामीणों ने हाथों में काले झंडे ले रखे थे। पूरे रास्ते वह प्राधिरकण व शासन व प्रदेश सरकार के विरोध में नारेबाजी करते नजर आए। आलम यह था कि वह गाड़ियों से बाहर तक निकले हुए थे। इस दौरान डीएससी रोड पर लोगों को भीषण जाम का सामना करना पड़ा। यहा कारों के काफिले को निकलाने के चक्कर में अन्य सड़कों यानी एमपी-1,2,3 पर जाम लग गया। इसके अलावा सेक्टर-15 से उद्योग मार्ग पर जाम रहा।

सर्वे के बाद लिया जाएगा निर्णय

आक्रोशित ग्रामीणों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी से वार्ता की। इस दौरान ग्रामीणों ने आबादी को जारी किए गए नोटिस का मुद्दा उठाया। सीईओ ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया बिना सर्वे किए अब कोई भी अवैध निर्माण तोड़ा नहीं जाएगा। जिन गांवों को नोटिस जारी किए गए है उनका सर्वे किया जाएगा। वहीं, 2011 की किसान स्कीम को फरवरी में लांच किया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर वार्ता की गई। इस दौरान समिति के प्रतिनिधि मंडल में शामिल रघुराज सिंह, योगेंद्र अवाना, सतेंद्र शर्मा, पुरुषोत्तम नागर, ललित अवाना गौतम आवाना, सुरेश प्रधान मौजूद रहे।

ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल है। लेकिन ग्रामीणों ने सीईओ और एसीईओ से वार्ता करने की मांग की। ग्रामीणों की मांग पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी और एसीईओ के साथ सयुक्त रूप से वार्ता चल रही थी। इन शिकायतों के निस्तारण का क्या होगा देखना बाकी है।

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