फर्जी आईपीएस: बिना पैसे दिए होटलों में मौज करना था शौक, ऐसे खुली पोल

गृह मंत्रालय के साइबर सेल में खुद को तैनात बताने वाले फर्जी आईपीएस को नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। यह शख्स अपने साथ एक अन्य युवक को पीआरओ बताते हुए दिल्ली-एनसीआर के होटलों में बिना पैसे दिए मस्ती करता था।

Update: 2019-06-28 12:48 GMT

नोएडा: गृह मंत्रालय के साइबर सेल में खुद को तैनात बताने वाले फर्जी आईपीएस को नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। यह शख्स अपने साथ एक अन्य युवक को पीआरओ बताते हुए दिल्ली-एनसीआर के होटलों में बिना पैसे दिए मस्ती करता था।

होटलों में रौब झाड़ फ्री में खाता था खाना

होटल स्टाफ पर रौब झाड़ते हुए फ्री में खाना खाता था और फिर वहां से जाते समय गाड़ी में जबरन पेट्रोल फ्री में डलवा लेता था।

एक्सप्रेसवे कोतवाली एरिया के एक होटल में गुरुवार रात से रुका हुआ था।

फ्री में खाना खाने के बाद वह गाड़ी में पेट्रोल डलवाने का दबाव बनाया तो होटल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की तो असलियत सामने आ गई।

पकड़ा गया फर्जी आईपीएस आदित्य कुमार दीक्षित है। वहीं, इसका फर्जी पीआरओ बना शख्स अखिलेश यादव है। फर्जी आईपीएस बना आदित्य मूलरूप से हाथरस का रहने वाला है। वह पिछले डेढ़ साल से खुद को 2011 बैच का आईपीएस बताते हुए लोगों पर रौब जमाता रहा है।

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मंत्रियों के साथ फोटो खिंचा बनाता था दबाव

फर्जी आईपीएस आदित्य कुमार ने अपने वॉट्सएप पर पुलिस कैप के साथ फोटो खिंचवाकर प्रोफाइल लगाई है। इसके अलावा वह चाइनीज लाइटर गन लेकर भी खिंचवाई हुई फोटो को दिखाकर खुद को केंद्रीय गृह मंत्रालय में तैनात आईपीएस बताता था।

उसने कई मंत्री व नेताओं के साथ खिंचवाई हुई फोटो को लोगों को दिखाकर भी रौब झाड़ता रहता था। इसके अलावा हाथरस व इसके आसपास के कई गांवों में लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर भी ठगी करता रहा है। हालांकि, इस संबंध में पुलिस को कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।

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गुप्त मिशन पर होने की करता था बात

पुलिस की जांच में पता चला कि पिछले 5 दिन से वह नोएडा के अलग-अलग होटलों में रुका था। सोमवार से बुधवार तक वह सेक्टर-62 स्थित एक होटल में रुका था। वहां पर भी दोनों आरोपियों ने फर्जी आईपीएस व पीआरओ बताकर पहले एक कमरा बुक कराया और पैसे नहीं दिए।

होटल स्टाफ ने आईडी कार्ड मांगने पर आदित्य ने बताया कि वह गृह मंत्रालय के साइबर अपराध के एक सीक्रेट मिशन पर जांच करने निकला है। ऐसे में वह अपनी कोई पहचान या आईडी कार्ड दिखा नहीं सकता है।

इसके अलावा होटल के पैसे मांगने पर गृह मंत्रालय से अप्रूवल होने की बात कहकर झांसा देता था। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी आदित्य कुमार ने कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा किया है और दावा किया कि पतंजलि में वह आईटी हेड भी रह चुका है।

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