Supertech Twin Tower: ट्विन टॉवर के आसपास के लोगों को विध्वंस से पहले कैसे निकाला जाएगा, जानिए क्या है तैयारी

Noida Supertech Twin Tower Blast Building: नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर्स ढहाने की तैयारी अब लगभग पूरी हो चुकी है। रविवार (28 अगस्त) को इमारतों को गिराये जाने का समय निर्धारित हो चुका है।

Report :  Vidushi Mishra
Written By :  Ramkrishna Vajpei
Update: 2022-08-27 04:06 GMT
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Noida Supertech Twin Tower Update: नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर्स ढहाने की तैयारी अब लगभग पूरी हो चुकी है। रविवार (28 अगस्त) को इमारतों को गिराये जाने का समय (twin tower noida demolition date and time) निर्धारित हो चुका है। ट्विन टावर्स को ढहाने की योजना में आसपास के लोगों की सुरक्षित निकासी भी शामिल है। 28 अगस्त को सुबह सात बजे तक लोगों को वहां से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया जाएगा।

नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि दोनों इमारतों के आसपास के लगभग 7,000 से 8,000 निवासी इस कार्रवाई से प्रभावित होंगे। जब 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे दोनों टावर गिर जाएंगे तो इससे 55,000 टन मलबा निकलेगा।

टॉवर के आसपास के लोगों को हटाने का कार्य जारी

सेक्टर 93ए में एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) और एटीएस गांव के सभी निवासियों को 150 से अधिक पालतू जानवरों के साथ, अपने घरों को सुबह 7 बजे तक खाली कर देना होगा, जबकि इन सोसायटियों के सुरक्षा कर्मचारियों को भी रविवार को दोपहर 12 बजे तक हटा दिया जाएगा। दोनों सोसायटियों से करीब 2700 वाहन भी हटाए जाएंगे।

एमराल्ड कोर्ट रेजिडेंट्स एसोसिएशन (Emerald Court Residents Association) के अध्यक्ष उदय भान सिंह तेवतिया ने बताया कि निकटवर्ती पार्श्वनाथ सृष्टि, पार्श्वनाथ प्रेस्टीज और एल्डेको यूटोपिया ने हमारी सोसायटी के किसी भी व्यक्ति को अपने कम्युनिटी क्लबों में जगह देने की पेशकश की है जो विध्वंस अवधि के दौरान वहां जाना चाहते हैं।

नोएडा सेक्टर 93 में पूर्वांचल सिल्वर सिटी और पार्श्वनाथ प्रेस्टीज ने हटाए गए निवासियों को विध्वंस के दिन अपने परिसरों में रहने की अनुमति दी है। एमराल्ड कोर्ट के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, उनके आवासीय कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) ने इसकी अनुमति दी है। दोनों सोसायटियों ने अपने क्लब हाउस में करीब 200 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की है। वे इन लोगों को भोजन भी उपलब्ध कराएंगे। पार्श्वनाथ प्रेस्टीज सोसायटी ने क्लब हाउस में लगभग 100-150 लोगों के ठहरने की व्यवस्था भी की है, जो बेड, कुर्सियों और एक मेडिकल रूम से परिपूर्ण होंगे।

अधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद ही निवासियों को रविवार शाम 4 बजे के बाद लौटने की अनुमति दी जाएगी। सेक्टर 137 के फेलिक्स अस्पताल से भी संपर्क किया गया है और अगर कोई प्रभावित मामला आता है तो उसने व्यवस्था भी की है, जिसकी संभावना नहीं है। फेलिक्स अस्पताल के डीके गुप्ता ने कहा, "आस-पास के निवासियों के बीच अगले सात से 90 दिनों तक विध्वंस से भारी धूल के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की संभावना है।"

अस्पताल की एडवाइजरी ने आस-पास के इलाकों के निवासियों से मास्क, चश्मा पहनने, विध्वंस के मद्देनजर बाहर जाने से बचने, त्वचा के मॉइस्चराइजर का उपयोग करने और आंखों में जलन होने पर डॉक्टर से परामर्श करने का आग्रह किया।

बड़ी संख्या में लोग दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में अपने रिश्तेदारों के घरों में जाने की योजना बना रहे हैं, जबकि कुछ ने उत्तराखंड और राजस्थान जैसी जगहों पर छुट्टी पर जाने की योजना बनाई है।

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