Northern Railway: प्रतापगढ़–फाफामऊ के बीच 110 किमी/घंटा की गति से होगा ट्रेन संचालन
Northern Railway: इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना से एक ओर जहाँ संचालन में सुगमता आएगी वही दूसरी ओर बेहतर सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
Northern Railway: यात्रियों को समयबद्ध एवं संरक्षित रेल यात्रा प्रदान करने के लिए उत्तर रेलवे लगातार नए-नए तकनीकों का स्तेमाल कर रहा। क्षमता वृद्धि के लिए लगातार आधारभूत संरचना के विस्तार किए जा रहे हैं। इसी क्रम में विभिन्न स्टेशनों पर नवीन तकनीक वाली इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना का कार्य भी निरंतर किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना से एक ओर जहाँ संचालन में सुगमता आएगी वही दूसरी ओर बेहतर सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
27 रूट पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कार्य पूर्ण
आज (दिनांक 31 जनवरी, 2023) बिशनाथगंज स्टेशन पर 27 रूटों के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग कार्य को पूर्ण कर लिया गया। इस कार्य में 05 नई प्वाइंट मशीन, 10 मुख्य सिग्नल, 04 शंट सिग्नल, 03 इंडिपेंडेंट शंट सिग्नल, 02 कॉलिंग ऑन व 19 ट्रैक सर्किट की स्थापना शामिल है। इसके अतिरिक्त लेवल क्रॉसिंग संख्या 56 पर इलेक्ट्रोनिक लेवल बूम व स्लोडिंग बैरियर से बदला गया है।
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना से सुरक्षित होंगे यात्री
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना से सुरक्षा में बढ़ोत्तरी हुई है। जिससे अब ट्रेनों को तेज संचालित किया जा सकता है। इसके अलावा, प्रतापगढ़–फाफामऊ रेल खंड के बीच सभी स्टेशनो पर मैकेनिकल इंटरलॉकिंग के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना की जा चुकी है। जोकि इस खंड में सेक्शनल क्षमता को और बढ़ाने में योगदान देगा। इस कार्य के पूर्ण होने से गति वृद्धि में आ रही बाधाएं दूर होंगी और ट्रेन के संचालन को 110 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम गति से संचालित किया जा सकेगा। जिससे अधिक लचीलापन, बेहतर गतिशीलता और उन्नत सुरक्षा मानकों की सुविधा मिलेगी ।