चाणक्य से कम नहीं ये महाराजा इनकी नीतियों के आगे बड़े बड़े हो जाते थे फिसड्डी

इस राजा का नाम था छत्रपति शिवाजी महाराज। शिवाजी महाराज का आज जन्मदिन है। भारत सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म तिथि 19 फरवरी 1630 स्वीकार की है। हालांकि कुछ लोग 1627 में भी इनका जन्म होना बताते हैं। इस राजा का पूरा नाम शिवाजी भोसले था। शिवाजी के पिता शाह जी और माता जीजाबाई थीं। शिवाजी का जन्म स्थान पुणे के पास शिवनेरी दुर्ग में हुआ था।

Update:2020-02-19 16:29 IST

रामकृष्ण वाजपेयी

आज हम आपको एक ऐसे महाराजा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी नीतियां और शासन करने का ढंग चाणक्य से किसी मामले में कम नहीं था। यह मराठा सरदार कहने को तो महाराष्ट्र में जन्मा लेकिन इसकी नीतियों में हिन्दुस्तान बसता था। देश को पहली बार इस महाराजा शिवाजी महाराज ने ही अपनी नीतियों से संगठित करने और एकजुट करने का प्रयास किया और पहले हिंदू राष्ट्र की नींव रखी।

इस राजा का नाम था छत्रपति शिवाजी महाराज। शिवाजी महाराज का आज जन्मदिन है। भारत सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म तिथि 19 फरवरी 1630 स्वीकार की है। हालांकि कुछ लोग 1627 में भी इनका जन्म होना बताते हैं। इस राजा का पूरा नाम शिवाजी भोसले था। शिवाजी के पिता शाह जी और माता जीजाबाई थीं। शिवाजी का जन्म स्थान पुणे के पास शिवनेरी दुर्ग में हुआ था।

इतिहासकारों ने शिवाजी महाराज का शासन सिद्धांत हिंदुओं के राजनीतिक शास्त्र और धर्म शास्त्रों में वर्णित शासन पर आधारित बताया है। आज शिवाजी महाराज के जन्मदिन के अवसर पर आइए जानते हैं इस मराठा योद्धा ने चाणक्य की नीतियों पर किस तरह अपने शासन सिद्धांतों का प्रतिपादन और पालन किया।

क्या थे शिवाजी के शासन के मुख्य बिन्दु-

  • प्रतिभा व योग्यता के आधार पर नियुक्ति
  • मंत्री पद के लिए वंश परंपरा को खत्म किया
  • सब जातियों को सरकारी नौकरी में योग्यता के आधार पर समान अवसर प्रदान किये
  • मजबूत और स्थायी राष्ट्रीय जन सेना का नव निर्माण किया
  • मंत्रियों और अन्य सेवकों को नकद वेतन की परंपरा शुरू की।
  • शासन प्रशासन में सभी धर्मों का आदर व सम्मान सर्वोच्च था
  • राज्य में श्रेष्ठ पुरुषों को भी सम्मान दिया।
  • हिन्दू और मुस्लिम संतों का सम्मान किया
  • राजकीय कार्यों के लिए फारसी शब्दों की जगह संस्कृत शब्दों को अपनाया
  • जनता से मनमाना कर वसूलने वाले उन्हें पीड़ित करने वाले वतनदारों, जमींदारों जागीरदारों के अधिकारों व शक्ति पर नियंत्रण किया।
  • भूमि की पैमाइश कराके भूमि कर को निश्चित किया।
  • युक्ति संगत कठोर न्याय व्यवस्था को लागू किया।
  • मजबूत खुफिया तंत्र की संरचना की
  • लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना की

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