अब यूपी के इस फेमस हनुमान मंदिर पर होगा दलितों का कब्जा,ब्राह्मण प्रवेश निषेध का पोस्टर वायरल
दलितों ने रामायण काल में कालनेमि राक्षस के वधस्थल प्राचीनतम बिजेथुआ धाम मंदिर पर दावा ठोंक दिया है। पोस्टर वायरल कर ब्राहमणों के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
सुल्तानपुर: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से हनुमान को लेकर दिए गये बयान के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सामान्य मंदिरों के बाद अब यहां दलितों ने रामायण काल में कालनेमि राक्षस के वधस्थल प्राचीनतम बिजेथुआ धाम मंदिर पर दावा ठोंक दिया है।
पोस्टर वायरल कर ब्राहमणों के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। दलितों का कहना है कि हनुमान मंदिर हमारा है। यहां दलित पुजारी अब पूजा-अर्चना करेंगे।
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वायरल पोस्टर पर लिखा है प्रेमचंद्र प्रेम का नाम
जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी प्रेमचंद्र जिन्होंने अपना नाम पोस्टर में प्रेम लिखा है। साथ ही खुद को एक जाति विशेष का भी बताया है। वायरल पोस्टर में बिजेथुआ महावीरन धाम पर ब्राह्मणों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। कहा गया है कि ब्राह्मण कतई इस मंदिर में प्रवेश न करें।
उन्होंने पोस्टर के जरिए मंदिर को दलितों का मंदिर करार दिया है। इसे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के हनुमान जी को दलित कहने के बयान के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल है। फेसबुक और व्हाट्सएप पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। 11 दिसंबर को मंदिर की तरफ कूच करने का आवाहन किया गया है।
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बिजेथुआ महावीरन का ये है इतिहास
भगवान राम के जीवन काल में राम रावण युद्ध के दौरान उनके भाई लक्ष्मण को मेघनाथ ने अमोघ शस्त्र से मार दिया था। जिस पर भगवान राम के भक्त हनुमान जी सुषेण वैद्य को लंका से ले आए थे। उन्होंने लक्ष्मण के जीवित होने के लिए संजीवनी बूटी को अनिवार्य आयुर्वेदिक उपचार बताया था।
जिस पर हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने जा रहे थे। रास्ते में कालनेमि नामक राक्षस ने जो कि जाति से ब्राह्मण था। बिजेथुआ महावीरन धाम में हनुमान जी को रोक लिया। जहां पर हनुमान जी और कालनेमि का भीषण युद्ध हुआ। कालनेमि मारा गया। शापित मकरी को भी मार कर हनुमान जी ने उसका उद्धार किया।
तब से बिजेथुआ महावीरन धाम हनुमान जी के विजय स्थल के रूप में जाना जाता है। हर मंगलवार और शनिवार यहां श्रद्धालुओं का तांता लगता है। अगस्त माह में पड़ने वाले बुढ़वा मंगल को विशेष पूजा अर्चन और महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
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