वैभव कृष्ण केस: नूतन ठाकुर ने CM को लिखा पत्र, SIT पर लगाया ये बड़ा आरोप

एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने आईपीएस अफसर वैभव कृष्ण द्वारा आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा तथा गणेश साहा सहित अन्य अफसरों के संबंध में लगाये गए गंभीर शिकायतों पर जानबूझ कर कार्यवाही नहीं किये जाने का आरोप लगाया है।

Update: 2020-01-28 15:45 GMT

लखनऊ: एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने आईपीएस अफसर वैभव कृष्ण द्वारा आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा तथा गणेश साहा सहित अन्य अफसरों के संबंध में लगाये गए गंभीर शिकायतों पर जानबूझ कर कार्यवाही नहीं किये जाने का आरोप लगाया है।

नूतन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे अपने पत्र में कहा है कि प्रदेश शासन द्वारा इस अत्यंत गंभीर प्रकरण में एचसी अवस्थी, निदेशक, सतर्कता अधिष्ठान के अधीन एसआईटी का गठन किया गया। वैभव कृष्ण ने इस एसआईटी के सामने अपना बयान अंकित करा दिया है, जबकि नूतन ने स्वयं भी इस मामले से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य सौंपे हैं।

उन्होंने कहा कि शासन ने एसआईटी को 15 दिन में जांच कर अपनी आख्या देने को कहा था, लेकिन आज तक किसी भी आरोपित अफसर से पूछताछ तक नहीं हुई है, जिससे साफ है कि मामले को रफादफा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इस प्रकरण में बिना और विलंब किये तत्काल कार्यवाही करवाये जाने की मांग की है।

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एसआईटी के सामने वैभव कृष्ण ने दर्ज कराए थे बयान

आईपीएस अफसर वैभव कृष्ण ने बीते दिनों एसआईटी के सामने अपने बयान दर्ज कराए हैं। वैभव कृष्ण एसआईटी के डायरेक्टर हितेश चंद्र अवस्थी के सामने पेश हुए और तमाम सबूत भी पेश किए। पूर्व एसएसपी वैभव कृष्ण ने जिन अधिकारियों पर आरोप लगाए थे उनके बारे में डिजिटल साक्ष्यों के साथ कथित पत्रकारों के बयान के बारे में भी बताया।

वैभव कृष्ण ने एसआईटी को बताया कि अगस्त में गिरफ्तार किए गए पत्रकारों के बयान और सबूतों के आधार पर ही उनकी गिरफ्तारी की गई थी। वैभव ने एसआईटी के सामने अपने आरोपों के पक्ष में तमाम डिजिटल सबूत भी पेश किए हैं। इसके अलावा उन्होंने एसआईटी के सामने अधिकारियों के बीच चल रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल के बारे में भी विस्तार से बताया। इस बयान के बाद एसआईटी को पांचों आरोपित आईपीएस अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाना है, लेकिन अभी तक उनके बयान नहीं लिए जा सके हैं।

वैभव कृष्ण सरकारी पत्रों को सार्वजनिक करने और सर्विस नियमावली का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित चल रहे हैं। उनका एक अश्लील वीडियो भी वायरल हुआ था जिसके बारे में उनका कहना था कि ये फर्जी है, लेकिन फॉरेंसिक जांच में उसे असली पाया गया था। इस मामले में भी जांच जारी है।

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