ODOP Scheme in Lucknow: जानिए लखनऊ में ODOP का हाल, जिनके लिए योजना आई उनको ही पूरी जानकारी नहीं

ODOP Scheme: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 जनवरी, 2018 में जिला एक उत्पाद योजना सूबे में आरम्भ की थी। जमीन पर इस योजना की स्थति क्या है देखिये इस खास रिपोर्ट में..

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2022-05-09 11:15 GMT

ODOP योजना (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

ODOP Scheme: यूपी सरकार की महत्वाकांक्षी एक जिला एक उत्पाद योजना (One District-One Product Scheme) के अंतर्गत यूपी की राजधानी लखनऊ के चिकनकारी (Lucknow Chikankari) एवं ज़री-ज़रदोज़ी (Zari Zardozi Embroidery) को शामिल किया गया है। ओडीओपी की वेबसाइट के मुताबिक, जिले की 5 तहसीलों के 8 ब्लॉक और 961 गांवों में चिकनकारी (Chikankari) का काम किया जाता है। जमीन पर इस योजना की स्थति क्या है देखिये इस खास रिपोर्ट में..


योजना और सरकारी दावे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने 24 जनवरी, 2018 में ये योजना सूबे में आरम्भ की। इसका उद्देश्य है जिले के छोटे, मध्यम और परंपरागत उद्योगो का विकास करना। सरकारी दावा है कि इस योजना से सूबे के करीब 25 लाख युवा को रोजगार (Employment) मिलेगा और जीडीपी में 2 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी। योजना में शामिल उत्पाद ब्रांड बन जाएंगे। लाभार्थियों के लिए आसान ऋण, विपणन, सुविधा केंद्र सहित तकनीक एवं प्रशिक्षण की सुविधाएं दी जाएगी।

क्या है हकीकत?

चिकनकारी का कारखाना चलाने वाले सैफी कहते हैं, हमें ऐसी किसी योजना के बारे में नहीं पता। सरकार ऐसा कुछ कर रही है तो उसे इस काम में लगे लोगों को इसकी जानकारी तो देनी चाहिए। अखबार और टीवी पर बताना चाहिए। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा हो और वो अपना परिवार चला सकें।

जुल्फिकार ने बताया कि एक बार बेटे ने फॉर्म भरा था। दौड़ भाग भी कि लेकिन कुछ हुआ नहीं फिर थक के बैठ गए।

कारोबारी कैलाश की फाइल फोटो- न्यूजट्रैक 

चिकन कारोबारी कैलाश कहते हैं, सरकार ने योजना बना दी अधिकारी नियुक्त कर दिए। ऑफिस खुल गया। लेकिन अधिकारी जब फोन नहीं उठाते। हेल्पलाइन पर सही जानकारी नहीं मिलती तो कोई करे तो करे क्या?

सौरभ की फाइल फोटो- न्यूजट्रैक 

कारोबारी सौरभ कहते हैं कि निर्यात भवन कैसरबाग में कई बार गया हूं। अधिकारी-कर्मचारी एक दूसरे पर टाल देते हैं। ऑनलाइन फार्म भरो कह देते हैं। कुछ सुनने को तैयार नहीं। ऑनलाइन साईट ओपन करने पर कई शंकाएं होती हैं। लेकिन उसको दूर करने के लिए कोई नहीं है।

इसके साथ ही हमने फरहान, मुस्तफा, कमला, शोभित हर्षित से भी बात कि इन सभी ने लगभग यही बोला कि योजना का लाभ मिल नहीं रहा। कई शंकाएं हैं लेकिन उनका समाधान करने वाला कोई नहीं।

क्या हैं मांग

सभी ने माना कि सरकार की ये योजना बहुत अच्छी है। लेकिन सही से प्रचार न होने के चलते इसका लाभ नहीं मिल रहा। अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले इसके लिए कैंप लगाने चाहिए। जहां शंकाओं का निपटारा हो सके। लाभार्थी समूह के अन्दर बेचने वाले बनाने वाले सभी को शामिल किया जाए।

विभाग ने दिया यह जवाब

हमने पन्ना लाल, उप सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग से संपर्क किया। उन्होंने कहा अभी व्यस्त हूं। आप जॉइंट कमिश्नर से बात कर लीजिए। निर्यात भवन पहुंचे, तो वहां भी इनसे मिलिए उनसे मिलिए साहब बिजी हैं यही सुनने को मिला।

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