लखनऊ: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद बिगड़ गई, ज्यादातर हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत ही खराब दर्ज किया गया, जबकि हरियाणा के फरीदाबाद में हवा सुरक्षा मानकों के मुकाबले 21 गुना अधिक प्रदूषित पाई गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड (सीपीसीबी) के निगरानी केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, फरीदाबाद में पीएम 2.5 का स्तर 1,515 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाया गया, जोकि अब गिरकर 1,295 और छह बजे 1,290 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया।
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वैसे आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जारी हुए आकड़ों में 10 ऐसे शहर हैं जो बेहद प्रदूषित हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इन 10 शहरों में से 8 तो उत्तर प्रदेश के शहर हैं। यानी उत्तर प्रदेश प्रदूषित शहरों में आगे है। बता दें, देशभर में सबसे जहरीली कानपुर शहर की हवा रही। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 420 पहुंच गया। यह क्वालिटी इंडेक्स सबसे ख़राब मना जाता है।
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वहीं, यूपी की राजधानी और नवाबों के शहर लखनऊ की बात करें तो शहर देश का 12वां सबसे प्रदूषित शहर है। हालांकि, ये बात भी सच है कि पिछले दिनों के मुकाबले शहर की हवा का जहरीलापन कुछ कम हुआ है लेकिन इसपर मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि आने वाले समय में प्रदूषण के कारण हवा की क्वालिटी और गिरेगी।
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उधर, दिल्ली की बात की जाए तो यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शून्य से 500 के पैमाने पर 366 दर्ज किया गया, जिसे बहुत खराब माना जाता है। वहीं गाजियाबाद में 415 और गुरुग्राम 403 दर्ज किया गया, जिसे अत्यंत खराब माना जाता है। सीपीसीबी के मुताबिक, खराब एक्यूआई स्वस्थ लोगों को तो प्रभावित करेगा ही साथ साथ बीमारी से पीड़ित लोगों पर ज्यादा प्रभाव डालेगा।
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अत्यंत खराब एक्यूआई लंबे समय तक संपर्क में रहने पर स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है। हवा में सूक्ष्म प्रदूषकों में से एक पीएम 2.5 की अनुमत सीमा राष्ट्रीय मानक के मुताबिक 60 यूनिट और अंतर्राष्ट्रीय मानक के मुताबिक 25 यूनिट होनी चाहिए। अधिकारियों को हालांकि विश्वास है कि सुबह के दौरान लिए गए आंकड़ों में किसी प्रकार की तकनीकी खराबी हो सकती है।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "फरीदाबाद में केवल एक निगरानी केंद्र है और यह शहर दिल्ली जितना प्रदूषित नहीं है। अचानक हुई बढ़ोत्तरी गलत हो सकती है। 1,515 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर बहुत ज्यादा है।"
इन 16 इलाकों में वायु प्रदूषण पर निगरानी रखी जाती है। दिल्ली के कुल 18 इलाकों में वायु गुणवत्ता अति खराब दर्ज की गई। 36 में से केवल दो इलाकों में वायु गुणवत्ता सामान्य से खराब पाई गई है।
दिल्ली में द्वारका, आनंद विहार, रोहिणी, मुंडका, बवाना, मथुरा रोड, दिल्ली टेक्निकल विश्वविद्यालय, जहांगीरपुरी, नरेला, नेहरू नगर, दिल्ली विश्वविद्यालय नॉर्थ कैंपस, पंजाबी बाग, आर।के। पुरम, सोनिया विहार, विवेक विहार और वजीरपुर सबसे प्रदूषित इलाके हैं। सीपीसीबी के मुताबिक, दिवाली तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे और उसके बाद प्रदूषण और खराब होता सकता है।