OP Rajbhar in Yogi Cabinet: ‘मंत्री पद बहुत महत्व नहीं रखता’, कैबिनेट विस्तार पर बोले राजभर
OP Rajbhar in Yogi Cabinet: योगी कैबिनेट में शामिल होने के कयासों के बीच ओमप्रकाश राजभर ने एक बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार को उनसे जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘मंत्री पद उनके लिए बहुत महत्व नहीं रखता है।
OP Rajbhar in Yogi Cabinet: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर इन दिनों जहां भी जाते हैं, उनका सामना एक ही सवाल से होता है। वह है – योगी मंत्रिमंडल में उनकी बहुप्रतिक्षित वापसी कब ? समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के बाद जब से एनडीए में राजभर की वापसी हुई है, तब से उनके मंत्री बनने की अटकलें जारी है। इस दौरान कई तारीख आई और गई लेकिन ओपी राजभर का इंतजार समाप्त नहीं हुआ। इन सबके बावजूद उनका मंत्री पद पर दावा कभी कमजोर नहीं हुआ।
योगी कैबिनेट में शामिल होने के कयासों के बीच ओमप्रकाश राजभर ने एक बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार को उनसे जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘मंत्री पद उनके लिए बहुत महत्व नहीं रखता है।‘ ये बयान उनके उन बयानों से बिल्कुल अलग है, जिसमें वह मंत्री बनने की बात को ठोस तरीके से मीडिया के सामने रखते थे और दावा करते थे कि इस संबंध में पहले ही गृह मंत्री अमित शाह से उनकी डील हो चुकी है।
एनडीए का साथ छोड़ने के सवाल पर क्या बोले राजभर ?
मंत्री पद न मिलने की सूरत में भी क्या वो एनडीए में बने रहेंगे ? तो इस सवाल के जवाब में सुभासपा सुप्रीमो ने कहा, याद करिए, जब मैं समाजवादी पार्टी के साथ था, तो मैंने कहा था कि भले ही अखिलेश हमारे लिए एक सीट भी न छोड़ें, हम सपा के साथ रहेंगे। ओपी राजभर ने कहा, मेरे लिए मंत्री पद का कोई खास महत्व नहीं है।
यह केवल एक साधन है, एक व्यक्ति जिसने समाज के हित के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, उसके लिए मंत्री पद का क्या महत्व है? बता दें कि 2017 में सुभासपा और बीजेपी ने विधानसभा का चुनाव साथ लड़ा था। चुनाव बाद राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने थे। लेकिन 2019 आते-आते बीजेपी और उनके बीच खटास काफी बढ़ गई थी और अंततः वे एनडीए से बाहर हो गए थे।
जुलाई 2023 में हुई थी एनडीए में वापसी
लगभग चार साल बाद ओमप्रकार राजभर ने पलटी मारते हुए इस साल जुलाई में एनडीए में वापसी की थी। 2022 का विधानसभा चुनाव उन्होंने सपा के साथ लड़ा था और छह सीटें जीती थीं। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में भी एनडीए के कैंडिडेट का समर्थन किया था। एनडीए में शामिल होने के पहले दिन से ओपी राजभर मंत्री बनने का दावा करते रहे हैं। लेकिन घोसी उपचुनाव के नतीजे ने उनके और दारा सिंह चौहान के इंतजार को लंबा कर दिया है।