योगी सरकार के वादा पूरा करने के इंतजार में रिटायर हो गये डेढ़ दर्जन डाक्टर

योगी सरकार के एक वादे के पूरे होने का इंतजार करते-करते प्रांतीय चिकित्सा सेवा के करीब डेढ़ दर्जन चिकित्सक सेवानिवृत्त हो गये और सरकार का वादा पूरा नहीं हुआ।  मामला प्रांतीय चिकित्सा सेवा के अधीन कार्यरत चिकित्सको का है।

Update: 2019-06-03 15:53 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ : योगी सरकार के एक वादे के पूरे होने का इंतजार करते-करते प्रांतीय चिकित्सा सेवा के करीब डेढ़ दर्जन चिकित्सक सेवानिवृत्त हो गये और सरकार का वादा पूरा नहीं हुआ। मामला प्रांतीय चिकित्सा सेवा के अधीन कार्यरत चिकित्सको का है।

प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को देखते हुये योगी सरकार ने कहा था कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग में कार्यरत चिकित्सकों से 65 वर्ष तक सेवाये ली जायेंगी। इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गये और चुनाव के दौरान आचार संहिता लागू होने के कारण इसका शासनादेश्ज्ञ लागू नहीं हो सका।

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इधर 31 मई 2019 को करीब डेढ़ दर्जन इन चिकित्सकों की आयु 62 वर्ष हो गयी और मौजूदा नियमों के तहत इन्हे सेवानिवृत्त कर दिया गया। यह वहीं चिकित्सक है, जो वर्ष 2017 में 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त होने वाले थे लेकिन 30 मई 2017 को इनकी सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने इनकी सेवानिवृत्त आयु में दो वर्ष की वृद्धि कर दी थी और यह सभी चिकित्सक ऐन मौके पर सेवानिवृत्त होने से बच गये थे।

इस शासनादेश के जारी होने के बाद से अभी तक कोई भी चिकित्सक सेवानिवृत्त नहीं हुआ है। इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. पदमाकर सिंह ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के कारण शासनादेश जारी नहीं हो सका और अब इस संबंध में शासन जैसा निर्णय लेगा उसे लागू किया जायेगा।

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