श्रमजीवी एक्स. धमाका मामले में एक दोषी करार, दूसरे पर फैसला टला

Update: 2016-07-29 20:00 GMT

जौनपुरः साल 2005 की 28 जुलाई को श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन के जनरल कोच में हुए बम धमाका मामले में रॉनी नाम के एक आरोपी को एडीजे प्रथम बुधिराम के कोर्ट ने शुक्रवार को दोषी ठहराया। 11 साल बाद आए फैसले में दूसरे आरोपी उबैदुर्रहमान पर फैसला टाल दिया गया। उस पर अदालत 2 अगस्त को फैसला सुनाएगी। जिस आरोपी को दोषी ठहराया गया है, उसे 30 जुलाई को सजा सुनाई जाएगी।

इस मामले में दो और आरोपी हिलाल और नफीकुल विश्वास हत्या के एक मामले में 17 नवंबर 2005 को गिरफ्तार किए गए थे। तभी से वे हैदराबाद जेल में हैं। जहां उस मामले की सुनवाई चल रही है। बता दें कि श्रमजीवी एक्सप्रेस धमाके में 12 लोग मारे गए थे और 18 अन्य घायल हुए थे।

जीआरपी के दो गवाहों, कॉन्सटेबल सुरेश यादव और श्यामजी ने धमाके वाले दिन वाराणसी कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 9 पर रॉनी और हिलाल को क्षतिग्रस्त कोच में घबराए हुए झांकते देखा था। दोनों गवाहों ने इन्हें कोर्ट में पहचान लिया। कुछ और घायल हुए लोगों ने भी इन्हीं से मिलते-जुलते लोगों को देखने की बात कोर्ट में कही थी।

इस धमाके का मास्टरमाइंड कंचन उर्फ शरीफ पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। एक अन्य आरोपी याह्या उर्फ गुलाम पजदानी मुठभेड़ में मारा जा चुका है। आरोपी डॉक्टर सईद के नाम-पते की जांच अभी तक पूरी नहीं हो सकी है।

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