न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने पर एक लाख का हर्जाना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग कर लगातार मुकदमेबाजी करने में उलझे जालौन, उरई के राजेंद्र नगर के श्रेष्ठ सिंह व अन्य पर एक लाख का हर्जाना लगाया है और इसे दो माह में जमा करने का निर्देश दिया है।

Update: 2019-06-03 15:13 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग कर लगातार मुकदमेबाजी करने में उलझे जालौन, उरई के राजेंद्र नगर के श्रेष्ठ सिंह व अन्य पर एक लाख का हर्जाना लगाया है और इसे दो माह में जमा करने का निर्देश दिया है। यह धनराशि तीनों विपक्षीगण प्राप्त करेंगे।

यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी. केशरवानी ने श्रेष्ठ सिंह व अन्य की अपील को खारिज करते हुए दिया है। मालूम हो कि शोभा सिंह ने 1944 में विवादित मकान खरीदा और 1975 में निर्माण के लिए उरई सहकारी गृह निर्माण समिति से 40 हजार लोन लिया। शोभा सिंह के तीन बेटे हैं अनिल कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार सिंह व अमित कुमार सिंह।

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अनिल कुमार सिंह ने स्थायी निषेधाज्ञा वाद दायर किया जो बाद में समझौते के आधार पर डिग्री हुआ। शोभा सिंह ने डिग्री के निष्पादन का वाद दायर किया। अमित कुमार सिंह ने यह कहते हुए आपत्ति की कि अनिल कुमार सिंह शोभा सिंह के लड़के थे जिन्हें रणवीर सिंह ने गोद ले लिया है। इसलिए उन्हें सम्पत्ति में हिस्सा नहीं मिलना चाहिए। अमित सिंह की अर्जी खारिज हुई।

कई दौर की मुकदमेबाजी में असफलता के बाद उन्होंने अपने बेटे व बेटी के जरिये मुकदमेबाजी शुरू कराई। कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग मानते हुए निरस्त कर दिया। 26 फरवरी 18 को पारित इस आदेश को अपील में हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी।

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