गोरखपुर: सरकार जहां गांवो के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न मदों में पानी की तरह पैसा बहा रही है वहीं यूपी के महराजगंज जिले के निचलौल विकासखंड के ग्राम सभा कनमिसवां टोला जलागम के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। इस गांव में आवागमन के लिए ना तो कोई पक्की सड़क है और ना ही खड़ंजा, इतना ही नहीं यहां स्वच्छ पेयजल के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है।
स्कूली शिक्षा के लिए दर दर भटकने को विवश हैं बच्चे
आज भी यहां लोग दीपक के उजाले में और टूटी फूटी झोपड़ियों में जीवन यापन करने के लिए मजबूर है। इस गांव के मासूम बच्चों के लिए शिक्षा की कोई व्यवस्था नही है। ऐसे में यहां मासूम बच्चे स्कूली शिक्षा के लिए दर दर भटकने को लाचार और विवश है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिले के सभी गांवों को जहां खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है वही इस गांव के लोग आज भी खुले में शौच के मजबूर है । यहां एक भी शौचालय का निर्माण कार्य नही हुआ है।
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आपको जान से हैरानी होगी कि जहाँ सरकार हर जरूरत मंद को शौचालय देने की बात कर रही है और प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती वही सरकार की सुविधओं का लाभ इन गांवों को न मिलना बेहद ही दुःखद है यहाँ सरकारी कर्मचारियों ने ही सरकार के योजनाओं पर ही पलीता लगा रहे है ।
जब इस संदर्भ में सपा के जिलाध्यक्ष राजेश यादव से बात की गई तो वो भी सरकार के योजनाओ पर सवाल उठा दिया। ऐसे में मूलभूत सुविधाओं से जुझ रहे इस गांव की दशा को देखकर सहज ही अंदाज़ लगा सकते हैं कि इस गांव के लोग किस तरह मूलभूत सुविधाओं से जुझ रहे हैं।
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न सड़क, न बिजली और न ही शौचालय यहां तक की नालियों की भी नहीं है व्यवस्था
जितेन्द्र गौड (ग्रामीण) ने बताया कि सरकार ने इतनी योजना निकाली है लेकिन हमारे गांव में एक भी योजना का कार्य अभी तक नहीं हुआ ना तो यहां सड़क है ना बिजली है न ही शौचालय बनाए गए हैं यहां तक की नालियों की भी व्यवस्था नहीं है।
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सरकार ने अगर इतनी सारी योजनाओं की शुरुआत की है तो वह योजना हमारे गांव में क्यों नहीं लागू हो रही है। हमारे प्रधान भी इस गांव में सरकारी योजनाओं को नहीं ला पा रहे हैं और ना ही कोई अधिकारी हमारी समस्याओं को सुन रहा है हम लोगों ने कई बार इसकी सूचना यहां से संबंधित अधिकारियों को दी है लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी चाहे नेता हो किसी ने भी हमारी सुधि नहीं ली और ना ही हमारे समस्याओं का निराकरण किया। जब इस संदर्भ में सीडीओ रामसिंघासन प्रेम से बात करनी चाहि तो वो कैमरे पर आने से बच रहे हैं।