परेशान जिला प्रशासन, 252 बच्चों पर सिर्फ 15 गाय, कैसे मिलेगा लाभ
खास बात यह है कि 252 बच्चों के बीच इन 15 दुधारू गाय को कैसे बांटा जाए। यह जिला प्रशासन सहित सरकार की विफलता का प्रतीक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
औरैया: सरकार पता नहीं कैसे क्या नियम बनाती है जिसमें शायद उसे यह भी पता नहीं चलता है कि कहां पर क्या स्थितियां उत्पन्न है। ऐसा ही एक मामला जनपद औरैया में प्रकाश में आया। जिसमें 252 कुपोषित बच्चों के परिवारों के लिए जनपद में स्थित 15 दुधारू गायों का वितरण किया जाना है। ऐसे में खास बात यह है कि 252 बच्चों के बीच इन 15 दुधारू गाय को कैसे बांटा जाए। यह जिला प्रशासन सहित सरकार की विफलता का प्रतीक स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। सबसे खास बात यह है कि अभी तक 13 लोगों ने सहमति पत्र दाखिल कर दिया है। जबकि 252 बच्चों के लिए गायों की व्यवस्थाएं कराई जानी है।
252 बच्चों के लिए सिर्फ 15 गायें
इसमें सबसे खास बात यह है कि जनपद में सभी गौशालाओं को जोड़कर सिर्फ 15 ही ऐसी गाए हैं जो दुधारू हैं। जबकि सरकार ने सभी अति कुपोषित बच्चों के लिए एक-एक गाय की व्यवस्था किए जाने का प्रावधान किया है। मगर सरकार यह भूल गई कि पहले यह निर्धारित किया जाए कि गाय लेने वालों की संख्या कितनी है और जनपद में कितनी गाय ऐसी हैं जो अति कुपोषित बच्चों को अपना दूध पिला सके। कुपोषित बच्चों को दुधारू गाय देने की योजना फिलहाल जिले में परवान नहीं चढ़ पा रही। मुख्यमंत्री द्वारा घोषित इस योजना की रफ्तार सुस्त है।
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जिले में अतिकुपोषित परिवारों में 17 ने सहमति पत्र दिया है। जिसमें जिला कार्यक्रम विभाग द्वारा तीन को गाय उपलब्ध कराई गई है। पशुपालन विभाग को दुधारू गायों की सूची एसडीएम को देनी है। अस्थायी गोशालाओं में मात्र 15 दुधारू गाय हैं। जिले में 252 अतिकुपोषित बच्चों को गाय दी जानी है। इनमें अब तक 17 परिवारों ने ही सहमति पत्र दिए हैं। मुख्यमंत्री ने तीन सितंबर को जिलाधिकारियों को आदेश दिए थे कि जिला स्तर पर कुपोषित बच्चों की सेहत सुधारने के लिए उन्हें एक-एक दुधारू गाय उपलब्ध कराई जाए।
अभी तक सिर्फ 3 परिवारों को मिली गाय
मुख्यमंत्री के इस आदेश को एक पखवारे से ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन जिले में अमल की स्थिति यह है कि अभी तक मात्र तीन अतिकुपोषित परिवारों को गाय दी जा सकी हैं। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद अवस्थी का कहना है कि 252 अति कुपोषित परिवारों में 17 की सहमति पत्र प्राप्त हो चुके हैं। तीन को वितरण कर दिया गया है। शेष के लिए तिथियां तय कर दी गई हैं।
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शीघ्र ही उन्हें भी गायों का वितरण कर दिया जाएगा। दिलचश्प बात यह है कि जिले में इस समय 43 अस्थायी गोशाला संचालित हो रही हैं। जिनमें 4464 गोवंश बंद हैं। इनमें दुधारू गायों की संख्या में मात्र 15 है। ऐसे में 252 अतिकुपोषित परिवारों को गायों को वितरण होना होने की शासन की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
रिपोर्ट- प्रवेश चतुर्वेदी