आईनॉक्स प्लांट बना जीवन रक्षक, दिल्ली के लिए रवाना हुई ऑक्सीजन टैंकर

कोरोना की दूसरी लहर में आईनॉक्स प्लांट एक जीवन रक्षक के तौर पर काम करता दिखाई दे रहा है।

Reporter :  Bobby Goswami
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-04-22 20:01 IST

ऑक्सीजन टैंकर

गाजियाबाद: भोजपुर स्थित आईनॉक्स ऑक्सीजन प्लांट से दिल्ली के लिए ऑक्सीजन (Oxygen) रवाना हो गई है। चाक-चौबंद सुरक्षा के बीच ऑक्सीजन कैप्सूल टैंकर को यहां से रवाना किया गया है। इसके बाद दिल्ली में ऑक्सीजन (Oxygen) की सप्लाई सुचारु हो पाएगी।

दो दिन पहले जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट करके जानकारी दी कि दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गई है, तब सबकी सांसें फूल गई थी। 500 मरीजों की जान पर बनाई थी।लेकिन गाजियाबाद के भोजपुर स्थित ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई की गई।एक ऑक्सीजन टैंकर जब भेजा गया,तो जीटीबी अस्पताल के डॉक्टर की आंखों में खुशी के आंसू आ गए थे।क्योंकि 500 जिंदगी अगर चली जाती,तो तबाही का मंजर हो सकता था।मगर गाजियाबाद के भोजपुर स्थित ऑक्सीजन प्लांट से मदद पहुंचते ही सब कुछ सामान्य हुआ,और मरीजों की भी सांस में सांस आई। आइए आपको गाजियाबाद में स्थित ऑक्सीजन प्लांट के बारे में विस्तृत रूप से बताते हैं...

आईनॉक्स प्लांट में दो सौ टन ऑक्सीजन बनाने की क्षमता

आईनॉक्स प्लांट का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से किया था और दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए बड़ी सौगात इस प्लांट से समझी जा रही थी। कोरोना की दूसरी लहर में आईनॉक्स प्लांट एक जीवन रक्षक के तौर पर काम करता दिखाई दे रहा है। क्योंकि यहां से अब दिल्ली,हरियाणा,राजस्थान,मध्य प्रदेश आदि राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई भेजी जा रही है।

आईनॉक्स ऑक्सीजन प्लांट 

अधिकारी रख रहे हैं नजर

वहीं अगर बात करें अधिकारियों कीतो गाजियाबाद के आला अधिकारी आईनॉक्स प्लांट पर नजर गड़ाए बैठे हैं, कि कहीं इस प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर कोई कमी और कोताही न रह जाए।इसलिए समय-समय पर प्लांट का निरीक्षण किया जा रहा है, और व्यावस्थायों की पूरी जांच की जा रही है।जानकारी के मुताबिक प्लांट की क्षमता 150 से 200 टन की है, जिससे नियमित रूप से सप्लाई की जा रही है।मेरठ और मुरादाबाद को भी तीन टैंकरों से 37 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई है। 15 अप्रैल को यूपी को 57 मैट्रिक टन की सप्लाई दी गई थी। इसी बीच स्थिति को देखते हुए डीएम ने जिला उद्यान अधिकारी को निर्देश दिया था,कि वह प्लांट में 24 घंटे के लिए एक अधिकारी नियुक्त करें, जिससे की आपूर्ति नियमित रूप से हो सके। प्लांट से हो रही आपूर्ति का रिकॉर्ड भी रखा जाए कि सुनिश्चित हो कि नियमित रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।

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