पंचायत चुनाव की कवायद तेज, चार जिलों में आज से परिसीमन होगा शुरू

प्रदेश सरकार के अपर मुख्‍य सचिव पंचायती राज विभाग मनोज कुमार सिंह ने परिसीमन प्रकिया शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। नौ नवंबर से शुरू होने वाली परिसीमन प्रक्रिया के तहत चार जिलों को शामिल किया गया है।

Update:2020-11-09 10:31 IST
पंचायत चुनाव की कवायद तेज, चार जिलों में आज से परिसीमन होगा शुरू (Photo by social media)

लखनऊ: प्रदेश में पंचायत चुनाव की कवायद तेज होती दिखाई दे रही है। चार जिलों गोंडा, संभल, गौतमबुद्ध नगर और मुरादाबाद में सोमवार से पंचायत परिसीमन का काम शुरू हो रहा है। परिसीमन प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी होगी। इससे प्रदेश में पंचायत चुनावों के अगले कम से कम तीन से चार महीने में होने के आसार कम ही हैं।

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प्रदेश सरकार के अपर मुख्‍य सचिव पंचायती राज विभाग मनोज कुमार सिंह ने परिसीमन प्रकिया शुरू करने के आदेश जारी किए हैं। नौ नवंबर से शुरू होने वाली परिसीमन प्रक्रिया के तहत चार जिलों को शामिल किया गया है। इन चारों जिलों में 2015 के पंचायत चुनाव से पहले परिसीमन नहीं कराया जा सका था। परिसीमन प्रक्रिया के लिए पंचायती राज विभाग ने एक समय सारणी जारी की है जिसके अनुसार जिले की सभी पंचायतों से परिसीमन प्रस्‍ताव लिए जाएंगे।

क्‍या है परिसीमन की प्रक्रिया

लोकसभा और विधानसभा की तरह ही ग्राम पंचातयों का भी परिसीमन किया जाता है। इसका मकसद विभिन्‍न क्षेत्रों के विकास कार्यों को गति देना है और ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के चयन में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्‍व शामिल करना है। ग्राम पंचायत क्षेत्र परिवर्तन के लिए किए जाने वाले परिसीमन के तहत एक प्रस्‍ताव तैयार किया जाता है। परिसीमन प्रक्रिया के अनुसार ग्राम पंचायत क्षेत्र में परिवर्तन का प्रस्ताव सम्बन्धित ग्राम पंचायत अथवा उस ग्राम पंचायत के 50 या उससे अधिक निवासियों की ओर से प्रस्‍तुत किया जाता है। इसके लिए एक तिथि का निर्धारण किया जाता है और उसी तिथि तक प्रस्‍ताव प्राप्‍त होना अनिवार्य है। सभी प्रस्‍ताव जिला पंचायत राज अधिकारी के समक्ष पेश किए जाएंगे।

परिसीमन की शर्तें

ग्राम पंचायत क्षेत्र का गठन जनगणना वर्ष 2011 में दर्ज जानकारी के आधार पर किया जाएगा।

किसी ग्राम पंचायत के क्षेत्र निर्धारण के लिए किसी राजस्व ग्राम या मजरे को विभाजित नहीं किया जा सकता है।

किसी ग्राम पंचायत के प्रादेशिक क्षेत्र में केवल ऐसे राजस्व ग्राम, ग्रामों को सम्मिलित किया जायेगा जो भौगोलिक दृष्टि से एक-दूसरे से निकटस्थ हों।

राजस्व ग्राम या ग्रामों को किसी पंचायत क्षेत्र में सम्मिलित करने में यह भी ध्यान रखा जायेगा कि इनके मध्य दूसरी ग्राम पंचायत का कोई प्रादेशिक क्षेत्र न पड़ता हो ।

ग्राम पंचायतो में सम्मिलित किये जाने वाले राजस्व ग्राम के बीच में कोई नदी नाला, पहाड़ या कोई ऐसा प्राकृतिक अवरोध न हो जो ग्राम पंचायत के निवासियों के सहज आवागमन में बाधक बने।

परिसीमन प्रक्रिया की महत्‍वपूर्ण तिथियां

- प्रार्थना पत्र व प्रस्ताव 09 नवम्बर से 20 तक प्राप्त किये जाएंगे।

- 21 नवम्बर से 25 नवम्बर तक तैयार प्रस्ताव का अनन्तिम प्रकाशन की कार्यवाही।

- अनन्तिम प्रकाशन के बाद 02 दिसम्बर तक आपत्तियां प्राप्त किये जाने की अन्तिम तिथि।

- प्राप्त आवेदन पत्रों के परीक्षणोपरान्त निदेशालय को अन्तिम संस्तुतियां 06 दिसम्बर को भेजा जाना।

- 07 दिसम्बर से 13 दिसम्बर तक निदेशालय स्तर पर अधिसूचना निर्गत किया जाना।

- 14 दिसम्बर से 18 दिसम्बर तक अधिसूचना का सरकारी गजट में मुद्रण और प्रकाशन तक पुनर्गठन के सम्बन्ध निम्नवत कार्यवाही।

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आंशिक परिसीमन व मतदाता सूची तैयार करने का काम भी शुरू

पंचायत चुनाव को ध्‍यान में रखकर सभी जिलों में आंशिक परिसीमन का काम भी कराया जाएगा। इसके साथ ही वोटर लिस्‍ट पुनरीक्षण का काम भी शुरू हो गया है। इसके लिए प्रत्येक जिले के विकास खंड चार हिस्सों में बांटे गए हैं। बूथ लेबल आफिसर इन दिनों घर-घर जाकर वोटर लिस्ट का सत्यापन कर रहे हैं। यह काम 15 नवम्बर तक चलेगा। इसके बाद संकलित डेटा को फीड किया जाएगा। फिर 28 दिसम्बर को मतदाता सूची का फाइनल ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा। सभी जिलों में पंचायतों का आंशिक परिसीमन भी कराया जा रहा है। इससे संबंधित प्रस्‍ताव भी ग्राम पंचायतों से मांगे गए हैं।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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