शामली में पंचायत ने लगा दी 90 छात्राओं के स्कूल जाने पर पाबंदी, दिया है ऐसा कारण कि...
शामली: एक तरफ सूबे की सरकार बेटियों को अच्छी शिक्षा मुहैया कराने के दावे कर रही है तथा प्रदेश में फीस वृद्धि पर लगाम कसने के आदेश दिए हैं। लेकिन स्कूल प्रबंधकों की मनमानी के सामने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश बौने होते नजर आ रहे हैं।
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के चलते गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। ऐसा ही एक मामला कांधला थाना क्षेत्र का है, जहां स्कूल प्रशासन की दबंगई के चलते सैकड़ों छात्राओं का स्कूल जाना बंद हो गया है।
क्या है पूरा मामला
-मामला कांधला थाना क्षेत्र के गांव हुरमंजपुर का है, जहां ग्रामीणों ने फीस वृद्धि के विरोध मे पंचायत कर गांव की 90 छात्राओं का स्कूल जाना बंद करा दिया है।
-ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल की फीस बहुत ज्यादा है। जिसे ग्रामीण वहन नहीं कर पाते हैं।
-ग्रामीणों का कहना है कि जब इस संबंध में स्कूल प्रबंधक से बात करने का प्रयास करते हैं, तो वह उनकी बात सुनने को तैयार नहीं होता।
-उल्टा स्कूल मास्टर फीस वृद्धि का विरोध करने पर छात्राओं की पिटाई करते हैं और इस सम्बन्ध में कोई बात ना करने की हिदायत देते हैं।
-इसी के विरोध में गांव में सैकड़ों ग्रामीणों ने पंचायत कर लड़कियों को स्कूल ना भेजने का निर्णय लिया है।
आगे की स्लाइड में जानिए और क्या है ग्रामीणों का इस बारे में कहना
-ग्रामीणों का कहना है कि अगर फीस वृद्धि को कम नहीं किया जाएगा तो अपनी लड़कियों को स्कूल नहीं भेजेंगे।
-गांव में हुई इस पंचायत पर सभी ने अपनी सहमति जताई और 90 छात्रों को स्कूल ना भेजने की बात कह डाली।
-अब सवाल ये उठता है कि आखिर कब तक ऐसे ही गरीब असहाय छात्र छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ होता रहेगा?
-स्कूल प्रशासन की मनमानी से छात्रों का भविष्य अंधकार में डूब रहा है।
-क्या यही बेटियों का सम्मान है और क्या होगा इन छात्राओं के भविष्य का?
-गांव में हुई इस पंचायत द्वारा लड़कियों के लिए, लिए गए इस निर्णय से प्रधानमंत्री का बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है।