Aligarh News:शराब माफियाओं के उपर नकेल कस रही योगी सरकार, अब तक इतने हुए गिरफ्तार

अलीगढ़ में शराब के अवैध कारोबारी को पुलिस ने धर दबोचा। पकड़े गए चार अपराधी दोनों अपने भाई थे और क्षेत्र में अवैध शराब का धंधा करते थे।

Report :  Garima Singh
Published By :  Deepak Raj
Update: 2021-07-11 10:12 GMT
प्रतिकात्मक फोटो सोशल मीडिया से ली गई है

Aligarh News : योगी सरकार ने शराब माफियाओं पर नकेल कसना शुरू कर दिया है जिसमें आज अलीगढ़ में कुख्यत दो शराब माफिया भाईयों को धर दबोचा। पुलिस ने कुल चार माफियाओं को गिरफ्तार किया है और इन पर शराब से जुड़े तमाम कानूनी कार्रवाई किए जाएंगे। पुलिस ने बताया की इस सिलसिले में अबतक 82 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

आपको बता दें की अलीगढ़ में दो कुख्यात शराब माफिया भाइयों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। ऋषि शर्मा, मुनि शर्मा, अनिल चौधरी और सुनील चौधरी की पुलिस ने हिस्ट्रीशीट खोल दी है। इस तरह एसएसपी ने चार शराब माफिया की हिस्ट्रीशीट खोली है। ये माफिया अब एचएस नम्बर से जाने जायेंगे। ताउम्र इनकी निगरानी होगी। अलीगढ़ में जहरीली शराब कांड में 109 से अधिक लोगों की जान गई थी। जिसमें 82 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।


शराब माफिया की फाइल फोटो



पुलिस द्वारा 04 शराब माफियाओं की हिस्ट्रीशीट खोली गई

अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी द्वारा शराब प्रकरण में संलिप्त अपराधियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध एनएसए, हिस्ट्रीशीट, गैंगस्टर एवं जब्तीकरण की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिसके क्रम में रविवार को पुलिस द्वारा 04 शराब माफियाओं की हिस्ट्रीशीट खोली गई। ये आपस में भाई हैं। इस संबंध में थाना जवां और गोण्डा के प्रभारियों को कड़ी निगरानी के निर्देश दिये गये है।


शराब माफिया की फाइल फोटो


थाना जवाँ में एचएस न0-01 बी ऋषि कुमार और एचएस न0-02 बी मुनीश कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं थाना गौण्डा में एचएस न0-02 बी अनिल चौधरी और एचएस न0-03 बी सुधीर चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। हिस्ट्रीशीट बी टाइप में पेशेवर अपराधी शामिल होते हैं। इसमें अपराधी की कुंडली खंगाली जाती है। हिस्ट्रीशीट खोलने के लिए पुलिस अपराधी से संबंधित सभी जानकारियां जुटाती है। जिसमें अपराधी का विवरण, उसकी कहां-कहां रिश्तेदारी है। उसके मित्र कौन-कौन हैं ? सभी का पूरा नाम , पता आदि पुलिस रिकार्ड में दर्ज होता है। हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद ताउम्र अपराधी की निगरानी उस क्षेत्र के दारोगा द्वारा की जाती है।

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