Meerut News: लाशों का डंपिग यार्ड बन रहा मेरठ! आएदिन मिल रहे लावारिस शव, पुलिस के लिए केस सुलझाना चुनौती

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में आज फिर एक लावारिस शव मिलने से घटनास्थल व आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई। पुलिस के अनुसार सरधना थानाक्षेत्र के बपारसी गांव के जंगल से बरामद शव महिला का है।

Update:2023-09-06 22:53 IST
लाशों का डंपिग यार्ड बन रहा मेरठ: Photo- Social Media

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में आज फिर एक लावारिस शव मिलने से घटनास्थल व आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई। पुलिस के अनुसार सरधना थानाक्षेत्र के बपारसी गांव के जंगल से बरामद शव महिला का है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज कर घटना की जांच शुरु कर दी गई है। हालांकि अभी तक मृतका की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

मौत का खुलासा दूर, शिनाख्त तक नहीं कर पाती पुलिस

तीन सितम्बर को मेरठ शहर के रक्षापुरम इलाके के पार्क में टंकी के नीचे एक करीब 35 वर्षीय अज्ञात महिला का शव बरामद हुआ था। इस शव की शिनाख्त में पुलिस अभी जुटी हुई थी कि आज फिर बपारसी गांव के जंगल में एक महिला का शव पड़ा मिला। इससे पहले किठौर में एक अज्ञात शव बरामद किया जा चुका है। मेरठ में जिस तरह से दुस्साहसिक तरीके से हत्या कर लाशों को खुलेआम फेंका जा रहा है, उसने मेरठ पुलिस की चौकसी और चेकिंग के दावों की कलई खोलकर रख दी है।

बोरी में मिली युवती की लाश का मामला अनसुलझा

आलम यह है कि मेरठ लावारिस लाशों का डंपिंग ग्राउंड बन कर रह गया है, कई की तो अब तक पहचान नहीं हो सकी है। खरखौदा के जमुनानगर कालोनी में एक बोरी में मिली युवती की लाश का अभी तक पता नहीं चल सका है कि वह किसकी है। इससे पहले 26 अक्तूबर 2020 को लिसाड़ी गेट फातिमा कालोनी में 15 टुकड़ों में महिला का शव मिला था। इसकी भी अभी तक शिनाख्त का इंतजार है।

दूसरे जिलों से भी शव यहां फेंके जाने का अंदेशा

पिछले कुछ समय से मेरठ जिले की सीमाओं में मिली लावारिस लाशें पुलिस की लापरवाही व उदासीनता को उजागर कर रही है। लेकिन, हकीकत यह है कि मेरठ जिले की बाहरी सीमाएं अपराधियों के लिए हत्या करने का सॉफ्ट टारगेट बनी हुई है। इस साल जनवरी से अब तक की बात करें तो एक दर्जन से अधिक लावारिस लाशें जिले के विभिन्न थानाक्षेत्रों मे मिल चुकी है। दरअसल, दूसरे जनपदों में हत्या की घटनाओं को अंजाम देने के बाद हत्यारे शव को मेरठ जिले की सीमा में फेंक देते हैं। इतना ही नहीं पहचान छिपाने के उद्देश्य से शव को भी क्षत-विक्षत कर दिया जाता है। जिस कारण इन शवों की शिनाख्त पुलिस के लिए पहेली बनकर रह जाती है और हत्यारे पुलिस की पकड़ से दूर बने रहते हैं।

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