Block Pramukh Election 2021: प्रत्याशी मोनिका सिंह को जबरन घर से उठाने के दौरान पुलिस और ग्रामीणों में संघर्ष

मोनिका सिंह को जबरन घर से उठाकर ले जाने और पुलिस-ग्रामीणों की भीड़ के विरोध करने का वीडियो वायरल हो रहा है।

Report :  Sandeep Tayal
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-07-09 23:24 IST

सपा-रालोद समर्थित प्रत्याशी मोनिका सिंह को उनके घर से ले जाने के संदर्भ में सफाई देती पुलिस (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Block Pramukh Election 2021: शिकारपुर ब्लॉक प्रमुख पद की सपा-रालोद की संयुक्त प्रत्याशी मोनिका सिंह को जबरन घर से उठाकर पुलिस द्वारा ले जाने और पुलिस-ग्रामीणों की भीड़ के विरोध करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मोनिका सिंह ने एक माननीय पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए नामांकन वापस कराने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया है। हालांकि विरोध के दौरान कुछ ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसमें पुलिस जीप क्षतिग्रस्त हो गई और चालक घायल हो गया। पुलिस की मानें तो ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए जा सकते हैं।

बुलंदशहर के शिकारपुर ब्लॉक प्रमुख पद पर भाजपा के राज्य मंत्री और शिकारपुर के विधायक अनिल शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। शिकारपुर ब्लॉक प्रमुख पद के लिए भाजपा प्रत्याशी पंकज सिंह, सपा रालोद की संयुक्त प्रत्याशी मोनिका सिंह व निर्दलीय प्रत्याशी भीम सिंह ने नामांकन पत्र खरीदे थे। आज नामांकन वापसी का दिन था। दो प्रत्याशी ही मैदान में रहे। शिकारपुर ब्लॉक की सपा-रालोद की संयुक्त प्रत्याशी मोनिका सिंह सलेमपुर थाना क्षेत्र के गांव मुकेरा में रहती हैं। आज सलेमपुर थाना पुलिस लाव लश्कर के साथ मोनिका सिंह के घर पहुंची।

मोनिका सिंह का आरोप है कि पुलिस उसे घर से जबरन उठाकर ले गई और ब्लॉक में ले जाकर कुछ फार्म पर हस्ताक्षर कराएं और उससे नामांकन पत्र के एंक्लोजमेंट की पर्ची मांगी। एंक्लोजमेंट स्लिप नहीं थी, जिसके चलते जबरन नामांकन पत्र वापस नहीं कराया जा सका। हालांकि मोनिका सिंह को उठाकर ले जाने आई पुलिस के साथ सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ द्वारा विरोध किए जाने और एक दरोगा द्वारा कुछ देर बाद मोनिका सिंह को वापस छोड़कर जाने की बात कहते हुए का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसके बाद ब्लॉक प्रमुख चुनाव में किए जा रहे खेला सार्वजनिक होता जा रहा है।

कुछ देर बाद घर लौटी मोनिका सिंह ने एक माननीय पर निर्विरोध प्रत्याशी को जिताने के लिये उसको पुलिस से अगवा कराने का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने मोनिका सिंह के आरोपों का खंडन किया है। सलेमपुर थाना अध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने फोन पर बताया कि मुकेरा गांव में मोनिका सिंह की सुरक्षा में पुलिस गई थी, उन्हें ब्लॉक पुलिस सुरक्षा में ले जाया गया, उनका कहीं अपहरण नहीं किया गया और न ही उनका नामांकन पत्र वापस कराया गया है। पुलिस पर लग रहे आरोप झूठे हैं। हालांकि पुलिस के विरोध के दौरान ग्रामीणों द्वारा पथराव किए जाने से पुलिस की जीप छतिग्रस्त हो गई, जिसमें चालक रामकुमार घायल हो गया। पुलिस हमलावरों को चिन्हित कर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।



सपा ने बताया- लोकतंत्र की हत्या

सपा ने ट्वीट कर कहा है कि बुलंदशहर में योगी जी के गुंडो द्वारा सरेआम लोकतंत्र की हत्या! राज्य मंत्री अनिल शर्मा के इशारे मंत्री के PRO और पुलिस ने मिलकर शिकारपुर ब्लॉक में SP-RLD गठबंधन की प्रत्याशी मोनिका सिंह का जबरदस्ती किया अपहरण, शर्मनाक एवं घोर निंदनीय। तत्काल मामले का संज्ञान ले चुनाव आयोग।


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