Bulandshahar News: मोबाइल टावर के रेडिशन से परेशान लोग पलायन को मजबूर, प्रशासन से लगाई ये गुहार
लोगों ने मोबाइल टावर से निकलने वाले विकिरण को लेकर सरकार व स्थानीय प्रशासन के खिलाफ बोर्ड लगाकर विरोध कर रहे हैं।
Bulandshahar News: कोतवाली नगर क्षेत्र के कृष्णा नगर में एक मकान की छत पर मोबाइल टावर लगाने का स्थानीय निवासी व व्यापारी पलायन करने के बोर्ड लगाकर करने को मजबूर है। स्थानीय निवासियों का दावा है कि मोबाइल टावर की रेडिएशन मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है इसलिए आबादी वाले इलाके में मोबाइल टावर नही लगना चाहिए, नही तो मजबूरन यहां से पलायन करना पड़ेगा।
कृष्णा नगर में एक मकान पर निजी मोबाइल कंपनी का टावर कुछ दबंग लगवाने में जुटे है। सोमवार को मोबाइल टावर विरोध मामले में जहां एक तरफ लोगो ने अपने मकानों पर व्यापारियों ने दुकानों पर और बच्चो ने हाथों में बैनर ले पलायन करने की मजबूरी जतायी। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि बाजार में घर की छत पर टावर लगा तो टावर से निकलने वाली रेडिएशन से बड़ों के साथ बच्चों पर और आने जाने वाले लोगो के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
टावर नही , बाल जीवन व स्वास्थ्य चाहिये
जिससे बीमारियों के बढ़ने का खतरा है। दबंगो द्वारा टावर लगाने की शिकायत डिप्टी गंज पुलिस चौकी में भी की जा चुकी हैं। कृष्णानगर निवासी आशीष व अतुल ने बताया कि कोरोना काल चल रहा है, लोग अभी पुरानी बीमारियों से पूरी तरह ठीक नही हुए है। मोहल्ले के कई लोग तो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है, ऐसे में मोबाइल टावर लगने से उससे निकलने वाली रेडिएशन किसी के भी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। कृष्णानगर रिहायशी इलाका है, साथ ही बाजार भी है, मोबाइल रेडिएशन से बच्चो के जल्द प्रभावित होने की सभावना रहती है, इसीलिए हमे मोबाइल टावर नही बच्चो का जीवन व स्वास्थ्य चाहिए। कृष्णानगर के बच्चों के पलायन के बैनर हाथों में लेकर फ़ोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है ,
ये है मामला
पलायन का बैनर लगाने वाले आशीष ने बताया कि उनके पड़ोस में 2016 में जयगोपाल कंपाउंड में मोबाइल टॉवर लगाने की शुरुआत की गई थी, जिसका विरोध जयगोपाल कंपाउंड और कृष्णा नगर के निवासियों ने किया था, 2016 में सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर बिना किसी एनओसी के मोबाइल टॉवर के निर्माण को रोक दिया गया था, जो कि अब लघु न्यायालय में विचाराधीन है, इसके बाबजूद दबंगों ने 17 जुलाई को रातों रात मोबाइल टॉवर लगा दिया, जिसकी शिकायत इलाका पुलिस से भी की है। जब दबंग न्यायालय के आदेश को दबंग मानने को तैयार नहीं है, तो हमारी कौन सुनेगा, इसलिए हम अपने बच्चों की जिंदगी को बचाने के लिए पलायन करने पर मजबूर है।