Bulandshahr News: पति, सास-ससुर ने मिलकर ली थी विवाहिता की जान, हुई आजीवन कारावास की सजा

Bulandshahr News: बुलंदशहर की न्यायाधीश दीपिका तिवारी ने संतान न होने व दहेज की मांग पूरी न होने पर जहर देकर विवाहिता की हत्या के दोषी पति, सास व ससुर को आजीवन कारावास व 10 हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सजा मुकर्रर की है।

Report :  Sandeep Tayal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-10-25 21:32 IST

दुल्हन की तस्वीर (फोटो : सोशल मीडिया )

Bulandshahr News: एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम बुलंदशहर की न्यायाधीश दीपिका तिवारी ने संतान न होने व दहेज की मांग पूरी न होने पर जहर देकर विवाहिता की हत्या के दोषी पति, सास व ससुर को आजीवन कारावास व 10 हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सजा मुकर्रर की है।

एडीजे फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के एडीजीसी ध्रुव वर्मा ने बताया कि 30 जुलाई 2019 को चोखेलाल पुत्र कमल सिंह निवासी चोगनपुर जिला अलीगढ़ ने थाना रामघाट पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने अपनी दो पुत्री ममता व चंद्रवती का विवाह क्रमशः तेजवीर व राकेश पुत्रगण नानकराम निवासी ग्राम गंगागढ़ थाना रामघाट जिला बुलंदशहर के साथ की थी।

ममता ने दम तोड़ा

30 जुलाई 2019 को उसकी पुत्री चंद्रवती ने अपनी छोटी बहन ममता की उसके पति सास, ससुर और ननद द्वारा अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर जहर देने की जानकारी दी। जब परिजन घर पर पहुंचे तो ममता का शरीर नीला पड़ चुका था।

अस्पताल जाते समय रास्ते में ममता ने दम तोड़ दिया। मृतका के पिता चोखे लाल ने मृतका के पति तेजवीर, सास मुन्नी देवी, ससुर नानक राम व ननद के खिलाफ थाना रामघाट पर मुअसं-106/2019 धारा498ए, 304बी, 302, 34 आईपीसी व 3/4 दहेज एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था।


पुलिस ने भी की सशक्त पैरवी

एसएससी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मामले को लेकर पुलिस में प्रभावी कार्यवाही करते हुए आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया जिन्हें न्यायालय द्वारा जेल भेज दिया गया था पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया और मामले की सख्ती से पैरवी की थी।

हत्यारों को ये हुई सजा

एडीजीसी ध्रुव वर्मा ने बताया कि एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम की न्यायाधीश दीपिका तिवारी ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों गवाहों के बयानों और दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद आज पत्नी की हत्या के आरोपी तेजवीर पुत्र नानकराम, मुन्नी पत्नी नानक, नानक पुत्र किशोरी लाल निवासी गण गंगा गढ़ रामघाट को दहेज हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास मैं ₹10000 अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है।

पक्षद्रोही हो गए थे कई गवाह

एडीजीसी ध्रुव वर्मा ने बताया कि दहेज के लिए जहर देकर हत्या करने के मामले मैं कई गवाह पक्ष द्रोही हो गए थे, मगर न्यायालय ने महज 2 साल 3 महीने में हत्यारों को सजा मुकर्रर कर डाली।

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