Bulandshahr News : प्रदीप फर्जी एनकाउंटर कांड, फरार रिटायर्ड CO पर 25 हज़ार का इनाम
Bulandshahr News : सिकंद्राबाद के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने रिटायर्ड सीओ रणधीर सिंह पर 25 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया है।;
Bulandshahr News : सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्ती बरते जाने के बाद बुलंदशहर में वर्ष 2002 में हुए छात्र प्रदीप के एनकाउंटर मामले में पिछले 4 साल से फरार चल रहे सिकंद्राबाद के तत्कालीन SHO व अब रिटायर्ड सीओ रणधीर सिंह (Retired CO Randhir Singh) पर एसएसपी संतोष कुमार सिंह (SSP Santosh Kumar Singh) ने 25 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया है तथा फरार इनामी सीओ का पता बताने वाले को इनाम की राशि दिलाने का दावा भी किया है।
बता दे कि 30 सितंबर 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने छात्र प्रदीप एनकाउंटर मामले में हत्यारोपी पुलिसकर्मियों को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए यूपी सरकार पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। बताया जाता है कि जुर्माना लगाए जाने के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाया और अब एसएसपी ने फरार रिटायर्ड सीओ की गिरफ्तारी के लिए इनाम की घोषणा की है।
SC की सख्ती के बाद फरार रिटायर्ड CO की तलाश में जुटी पुलिस
बुलंदशहर के सिकंद्राबाद कोतवाली क्षेत्र में 19 साल पहले वर्ष 2002 में NH 91 पर हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में फरार रिटायर्ड सीओ की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ने सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है पिछले 4 साल से फरार चल रहे रिटायर्ड सीओ पर ईनाम घोषित किया गया है।
बुलंदशहर जनपद के सिकंदराबाद कोतवाली के गांव सहपानी में रहने वाले यशपाल सिंह ने बताया कि बेटे के एनकाउंटर की लड़ाई लड़ते-लड़ते 19 साल बीत गए। अब सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को रिट पिटिशन संख्या 351/ 2021 यशपाल सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने एक सप्ताह में जुर्माने की राशि की जमा कराने की बात कही थी। साथ ही मामले को लेकर अग्रिम सुनवाई की तिथि 20 अक्टूबर नियत की है और फरार चल रहे रिटायर्ड सीओ की गिरफ्तारी को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस पर तल्ख टिप्पणी की थी।
जानिये क्या था पूरा मामला
3 अगस्त 2002 की सुबह सिकंद्राबाद में फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मारे गये बीटेक के छात्र प्रदीप कुमार के पिता यशपाल सिंह ने बताया कि 3 अगस्त 2002 को उस समय के सिकन्द्रबाद थाने के थाना प्रभारी निरीक्षक रणधीर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह देर रात को बुलंदशहर देहात कोतवाली बॉर्डर से टीम के साथ गश्त करते हुए वापस सिकंदराबाद की ओर लौट रहे थे। गांव आढ़ा मोड़ के निकट पहुंचे तो बिलसूरी की ओर से फायरिंग की आवाज सुनायी पड़ी। जिस पर वह हमराही पुलिसकर्मी कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, मनोज, श्रीपाल जीप चालक , सतेंद्र, संजीव कुमार, तोताराम और रघुराज के साथ मौके पर पहुंचे। जहां एक रोडवेज बस से यात्रियों के चीखने की आवाज आ रही थी। इसी दौरान बस से तीन बदमाश निकलकर आढ़ा गांव की ओर भागने लगे। पुलिस के रोकने पर भी वह नही रुके और बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई। जिसकी शिनाख्त पुलिस ने प्रदीप कुमार (22) पुत्र यशपाल सिंह निवासी गांव सहपानी थाना सिकंदराबाद के रूप में हुई। पुलिस ने मृतक को लुटेरा बताया।
थाना प्रभारी निरीक्षक रणधीर ने धारा 307 व 25 आर्म्स एक्ट के तहत प्रदीप सहित 3 लोगो के खिलाफ सिकंद्राबाद कोतवाली में मामला दर्ज किया था। यही नही फर्जी एनकाउंटर के मामले में लोगों द्वारा शव को सड़क पर प्रदर्शन करने पर पुलिस ने मृतक छात्र के पिता सहित अनेक लोगों पर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने व मार्ग अवरुद्ध करने के आरोप में मामला भी दर्ज कर दिया था।
जांच एजेंसियों दे रही थी हत्यारोपियों का साथ
फर्जी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए छात्र प्रदीप के पिता यशपाल सिंह ने बताया कि काफी जद्दोजहद के बाद सिकंद्राबाद के SHO रणधीर सहित 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रदीप की हत्या का मामला दर्ज कराया जा सका। पुलिस जांच हो या मजिस्ट्रेट जांच या फिर सीबीसीआईडी की जांच, सब आरोपियों को बचाने में जुटे थे। रिपोर्ट में एफआर लगा दी गई सीबीसीआईडी ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी मजिस्ट्रेट रिपोर्ट में भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। सभी हत्यारोपी पुलिस कर्मियों का साथ दे रहे थे और छात्र को लुटेरा बताने में जुटे थे। लेकिन मुझे भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था, कोर्ट का सहारा लिया प्रोटेस्ट पिटिशन दाखिल की। मामला लोअर कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया। कोर्ट ने मामले को संज्ञान ले जांच कराई तो फर्जी एनकाउंटर का खुलासा हुआ। बाद में आरोपियों के खिलाफ वारंट और गैर जमानती वारंट भी जारी किए गए 2017 से उस समय सिकंदराबाद कोतवाली के सचिव रणधीर सिंह जो बाद में सीओ के पद से रिटायर हो गए फरार चल रहे थे।
सात पुलिसकर्मी जा चुके हैं जेल
एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद वर्तमान में उपनिरीक्षक बन चुके पूर्व आरोपी सिपाही संजीव कुमार, कांस्टेबल मनोज कुमार, जितेंद्र सिंह, सतेन्द्र,कांस्टेबल तोताराम, रघुराज और जीप चालक कांस्टेबल श्रीपाल सहित 7 आरोपी जेल भेजे जा चुके है लेकिन अभी तक मुख्य आरोपी पूर्व थाना प्रभारी नीरिक्षक व सेवानिवृत सीओ रणधीर सिंह अभी तक फरार है।
हत्यारे पुलिस कर्मियों को सजा मिलेगी तभी बेटे को मिलेगा न्याय
यशपाल सिंह सोलंकी ने बताया कि एनकाउंटर के नाम पर हत्या करने वाले पुलिसकर्मियों को सजा मिलने के बाद ही मेरे बेटे को न्याय मिल सकेगा। मुझे कोर्ट पर पूरा भरोसा है पिछले 19 साल से बेटे को न्याय दिलाने के लिए दबंगों और पावरफुल लोगों से लड़ाई लड़ रहा हूं सिर्फ कोर्ट के सहारे, क्योंकि कोर्ट पर ही भरोसा है कि वही न्याय देगा। जब तक बेटे के हत्यारे पुलिस कर्मियों को सजा नहीं दिला दूंगा मेरा संकल्प पूरा नहीं होगा और बेटे को न्याय नहीं मिल सकेगा। बेटे के हत्यारो को सजा दिलाने की 19 साल से कानूनी लड़ाई जारी है।
फरार रिटायर्ड सीओ रणधीर सिंह का पता बताने पर मिलेगा 25 हज़ार का इनाम
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि 2002 में एनकाउंटर के मामले में मृतक के पिता द्वारा कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटिशन दाखिल की गई थी मामले में कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ था छात्र के एनकाउंटर मामले में 2017 में रिटायर्ड सीओ जो वर्ष 2002 में सिकंदराबाद कोतवाली के थाना प्रभारी निरीक्षक थे रणधीर सिंह के वारंट जारी किए गए थे, तभी से वह फरार चल रहे हैं। आज फरार चल रहे रणधीर सिंह पर ₹25000 का इनाम घोषित किया गया है जो भी व्यक्ति रणधीर सिंह का पता बताएगा उसे ईनाम की धनराशि दिलाई जाएगी तथा उसका नाम पता गोपनीय रखा जाएगा।