Meerut: 30 साल बाद 'किट्टू' से मिले पूर्व DGP बृजलाल, डॉक्टर दंपत्ति उन्हें मानता है 'भगवान'
मेरठ के एक कार्यक्रम में अमेरिका से वापस आई किट्टू और उनकी मां नीरा सेठ से पूर्व एसएसपी बृजलाल ने मुलाकात की। पुरानी यादों को ताजा करते हुए बृजलाल ने कहा कि मैं बिना खाए- पिये लगातार 27 घंटे रेड करके किट्टू को कुख्यात महेंद्र फौजी गैंग से छुड़ाकर लाया था।
Meerut: प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल (Former DGP Brijlal) अपनी कार्यशैली के लिए जाने जाते थे। वह अब भले ही अब सियासतदान बन गए हों, लेकिन उनके द्वारा किए गए काम आज भी जनता नहीं भूली है। एक ऐसा ही वाकया उन्होंने शेयर किया है जो 30 साल पुराना है लेकिन वह परिवार आज भी उन्हें भगवान के जैसा पूजता है।
मामला मेरठ का है उस वक्त बृजलाल (Former DGP Brijlal) को एक मासूम बच्ची की किडनैपिंग के दूसरे दिन मेरठ का एसएसपी बनाकर भेजा जाता है। डॉक्टर दंपति की मासूम बेटी के अपहरण से शहर में दहशत फैल गई थी। आम लोगों के साथ डॉक्टरों की पूरी फौज पुलिस प्रशासन के खिलाफ हाय तौबा मचा रही थी। पुलिस के आला अधिकारियों पर बच्ची को सकुशल बरामद करने का काफी दबाव था ऐसे में बृजलाल (Former DGP Brijlal) ने कमान संभाली और महज दो दिन के अंदर बच्ची को सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंपा तो वह उनके लिए भगवान बन गए।
पूर्व डीजीपी और बीजेपी सांसद ने शेयर की पुरानी यादें
दरअसल ये बात एक जुलाई 1991 की है, जब चार साल की उम्र में एक गैंग द्वारा फिरौती के लिए चार साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर लिया गया था। मेरठ शहर (Meerut City) से डॉक्टर-दम्पत्ति की मासूम बेटी के अपहरण से हाहाकार मचा था। दो जुलाई 1991 को डीजीपी वीके जैन (DGP VK Jain) ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाकर मेरठ का चार्ज तुरंत लेने के लिए कहा। बृजलाल (Former DGP Brijlal) ने अपने अधिकारियों के आदेश का पालन करते हुए 3 जुलाई 1991 की शाम मेरठ पहुंचकर चार्ज ग्रहण कर लिया। चार्ज लेते ही मेरठ सर्किट हाउस (Meerut Circuit House) पहुंचे। जहां शहर के डॉक्टरों का बड़ा ग्रुप उनसे मिला और डॉक्टर दम्पत्ति दीपक सेठ और नीरा सेठ की पुत्री को किडनैपर गैंग से छुड़ाने के लिए कहा। इस घटना के बाद से मेडिकल कॉलेज सहित सभी अस्पताल विरोध में बंद थे।
नवागत तत्कालीन एसएसपी बृजलाल (Former SSP Brijlal) ने 4 जुलाई 1991 को अपने कार्यालय में बैठा थे। तभी एक परिचित युवक ने उन्हें कुछ सूचना दी। वह उस पर विश्वास करके अपने पेशकर एपी सिंह के साथ उस व्यक्ति के साथ उसी की गाड़ी से मवाना जाकर संदिग्ध व्यक्तियों के घर देखा। अधिकारियों का दबाव, डॉक्टरों की हड़ताल और मासूम बच्ची को बचाने की चुनौती के बीच एसएसपी बृजलाल (Former SSP Brijlal) ने अपना जाल बिछाया और उसी दिन शाम एक छोटी पुलिस टीम के साथ रेड की शुरूआत मवाना कस्बा से शुरू की। वहीं, से सीधे वह नोएडा पहुंच गए। 5 जुलाई 1991 को नोएडा से गैंग के सदस्य को पकड़कर मेरठ लेकर पहुचे। उनके बाद सुबह आठ बजे गैंग के दूसरे सदस्य को पकड़ा।
गैंग के सदस्यों के हिरासत में आने से एसएसपी बृजलाल (Former SSP Brijlal) का हौसला काफी बढ़ चुका था और वह बिना नाश्ता किए ही इस खुलासे के लिए निकल पड़े। उन्होंने पुलिस लाइन मेरठ में गाड़ियों में तेल भरवा कर सीधे सयाना बुलंदशहर पहुंचे। वहां एक गाँव से किट्टू के कपड़े उन्हें मिले, लेकिन वह बच्ची नहीं मिली। बच्ची की तलाश में बृजलाल अपनी टीम के साथ गांव के बाहर गन्ने के खेतों में तलाशी शुरू कर दी। इसी बीच उन्होंने फायर किया तो तब एक बच्ची के रोने की आवाज़ आयी, जो किट्टू थी। गोली चलने की आवाज सुनकर बदमाश उसे छोड़कर भागा। पहले से ही अलर्ट पुलिस ने गोलियां चलाई और दौड़ाकर बदमाश को पकड़ लिया। 5 जुलाई 1991 की शाम सात बजे किट्टू को उसके माता- पिता को सौंपा। जिसके बाद बृजलाल को उस माता-पिता और पूरे डॉक्टरों के सराखों पर बिठा लिया। मेरठ के डाक्टरों ने तत्कालीन एसएसपी बृजलाल को वचन दिया कि मेरे कार्यकाल में वे पुलिसजनों के इलाज का पैसा नही लेंगे।
30 साल बाद किट्टू से मिले बृजलाल
पूर्व एसएसपी बृजलाल (Former SSP Brijlal) अब बीजेपी से राज्यसभा के सांसद (Rajya Sabha MP from BJP) हैं। उनके द्वारा बचाई गई किट्टू अमेरिका से PhD कर के आ चुकी है। आज 12 दिसंबर 2021 को 30 वर्ष बाद जब वह मेरठ के एक कार्यक्रम में पहुंचे तो अमेरिका से वापस आई किट्टू और उनकी मां नीरा सेठ से उन्होंने मुलाकात की। बृजलाल (Rajya Sabha MP from BJP) को देख किट्टू और उनकी मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पुरानी यादों को ताजा करते हुए बृजलाल ने कहा कि मैं बिना खाए- पिये लगातार 27 घंटे रेड करके किट्टू को कुख्यात महेंद्र फौजी गैंग (Notorious Mahendra Fauji Gang) से छुड़ाकर लाया था। आज किट्टू से मिलकर यादें ताजा हो गई।
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