Meerut News: शहीद मेजर मयंक विश्नोई का पार्थिव शरीर आज दोपहर पहुंचेगा मेरठ, पिछले 9 महीनों में आठ जवानों ने दी शहादत

Meerut News: शहीद मेजर मयंक विश्नोई का पार्थिव शरीर आज दोपहर तक मेरठ पहुंचेगा,नौ माह में मेरठ के आठ जाबाजों के देश की खातिर दी अपनी शहादत

Report :  Sushil Kumar
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-09-12 05:21 GMT

शहीद मेजर मयंक विश्नोई की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के लाल मेजर मयंक विश्नोई की शहादत पर हर आंख नम है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राकेश शुक्ला ने आज बताया कि शहीद मेजर मयंक विश्नोई का पार्थिव शरीर आज दोपहर तक उधमपुर से पहले हिंडन लाया जाएगा। हिंडन एयरबेस पर सेना के वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ सलामी देंगे।

उसके बाद पार्थिव शरीर को सेना की देखरेख में मेरठ लाया जाएगा। यहां सूरजकुंड में राजकीय सैन्य सम्मान के साथ अंतिम बिदाई दी जाएगी।

बता दें कि मेरठ के कंकरखेड़ा शिवलोकपुरी निवासी मेजर मयंक विश्नोई (30 वर्ष) जम्मू कश्मीर के शोपियां में राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। 27 अगस्त से उनका उधमपुर स्थित सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा था। परिजनों के मुताबिक, आतंकियों से मुठभेड़ करते समय उनके सिर में गोली लगी थी। और उधमपुर स्थित सैन्य अस्तपाल में उनका उपचार चल रहा था। शनिवार तड़के मयंक वीरगति को प्राप्त हो गए।

मेजर मयंक विश्नोई की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

पिछले नौ महीनों में आठ जवानों ने देश के लिए कुर्बानी दी

मयंक विश्नोई समेत मेरठ के आठ जांबाजों ने पिछले नौ महीने में मेरठ के देश की खातिर अपनी शहादत दी है। इससे पहले 19 अगस्त को सूबेदार राम सिंह जम्मू कश्मीर के राजौरी में आंतकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। 18 जुलाई राइफलमैन रोहित सिवाच जम्मू कश्मीर में तैनाती के दौरान अंगीठी ब्लास्ट होने के कारण वीरगति को प्राप्त हुए।

29 मई को कैप्टन श्रेयांश कश्यप उत्तरी सिक्किम में 15 हजार फीट की ऊंचाई पर देश सेवा के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए। 21 मई को वायुसेना में स्ववाड्रन लीडर अभिनव चौधरी ने मिग 21 में खराबी आने के कारण आबादी को बचाने में प्राण न्योछावर कर दिए। 17 अप्रैल तो सूबेदार वीरेन्द्र कुमार सियाचिन की चोटियों पर देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए।

28 मार्च को हवलदार पिंकू कुमार भी शोपियां में ही आतंकियों को मुहंतोड़ जवाब देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। 28 दिसंबर को हवलदार अनिल तोमर शोपियां में आतंकियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।

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