UP Election 2022: पश्चिमी यूपी में भाजपा की हिंदुओं का पलायन के मुद्दे को फिर से भुनाने की कोशिश

खासकर चुनावी मौकों पर तो हिंदुओं का पलायन प्रदेश स्तर पर चुनावी मुद्दा बनता है।

Report :  Sushil Kumar
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2022-01-25 11:26 GMT

यूपी विधानसभा चुनाव की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

UP Election 2022: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना का ज़िक्र कभी भारत के शास्त्रीय संगीत के केंद्र बिंदु के तौर पर हुआ करता था, तो कभी व्यापारिक केंद्र के तौर पर। लेकिन,पिछले दो चुनावों में मिली भारी कामयाबी के बाद से शामली ज़िले में पड़ने वाला कैराना के हिंदुओं के कथित पलायन का मुद्दा ऐसा छाया कि अभी तक छाया हुआ है।

खासकर चुनावी मौकों पर तो हिंदुओं का पलायन प्रदेश स्तर पर चुनावी मुद्दा बनता है। इस बार भी विधानसभा चुनाव में 'पलायन' के मुद्दे का 'जिन्न' दोबारा से बोतल से बाहर निकल चुका है। आलम यह है कि भाजपा के तमाम छोटे-बड़े नेता पलायन के मुद्दे को गरम करने का कोई मौका नही छोड़ रहे हैं।

शनिवार को जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कैराना पहुँचे और डोर टू डोर कैंपेन के दौरान 'पलायन' की बात दोहराई, उससे तस्वीर और साफ़ हो गई कि भाजपा इस मुद्दे को आसानी से छोड़ने वाली नही है। कैराना में अमित शाह ने 2014 में अपराधियों और गुंडों के भय से पलायन करने वाले व्यापारियों से मुलाकात करने के बाद कहा कि पलायन करने वाले लोंगो का कहना है कि योगी सरकार आने के बाद हमें पलायन कराने वाले खुद पलायन कर गये हैं। इससे पहले भी वे कैराना गए थे और हिंदुओं को पलायन की याद दिलाई दी थी।

इससे एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैराना के पलायन से वापस लौटे एक परिवार की एक कहानी सुनाई थी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि अब वह परिवार खुश है और कैसे सरकार ने चुन-चुन कर कैराना के अपराधियों को सजा दी है। यही नही भाजपा नेता कैराना से पूर्व में पलायन करने वाले कई परिवारों से जो कि 2017 के बाद से वापस आए हैं से मुलाकात कर उसके वीडियों सोशल मीडिया पर शेयर भी कर रहे हैं।

यूपी विधानसभा चुनाव की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

कुल मिलाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रचार का एजेंडा यहीं है कि राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद से हिंदुओं का पलायन रूका है। साफ है कि बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर कैराना के पलायन को बड़ा सियासी मुद्दा बनाने जा रही है।

दरअसल, 'पलायन मुद्दे' का फ़ायदा बीजेपी को उसके बाद के दोनों चुनाव में हुआ है। मसलन,जैसा कि आंकड़े कहते हैं, 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 41 फ़ीसदी वोट मिले थे, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में औसत से ज़्यादा 43-44 फ़ीसदी वोट मिले। इसी तरह 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 50 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट मिले थे, पश्चिम उत्तर प्रदेश के इलाक़े में बीजेपी को 52 फ़ीसदी वोट मिले थे।

बहरहाल,भाजपा के लिए  इस बार पलायन का मुद्दा कितना सफल होता है, ये चुनाव बाद ही पता चलेगा। बता दें कि पश्चिम उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर 10 फरवरी को वोट डाले जाएंगे।

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