UP Election 2022: उधर भाजपा नेतृत्व जाट वोंटो को लेकर चिंतित, इधर पार्टी के जाट नेता आपदा में अवसर तलाशने की कोशिश में
UP Election 2022: भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) जिस तरह जाट वोटों को लेकर चिंतित दिख रही है उसका लाभ उठाने की फिराक में पार्टी के छोटे-बड़े तमाम जाट नेता लग गए हैं।
Meerut News: भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) जिस तरह जाट वोटों को लेकर चिंतित दिख रही है उसका लाभ उठाने की फिराक में पार्टी के छोटे-बड़े तमाम जाट नेता लग गए हैं। आपदा में अवसर तलाश रहे इन नेताओं में पश्चिमी यूपी (Western UP) से जुड़े जाट नेता संजीव बालियान (Jat leader Sanjeev Balyan) का नाम भी लिया जा रहा है।
दरअसल, केन्द्र सरकार (Central Government) में राज्यमंत्री संजीव बालियान काफी अर्से से अपने प्रमोशन की आस लगाए बैठे हैं। बता दें कि बालियान पिछली बार भी राज्यमंत्री थे और इस बार भी। पिछले दिनों कथित रुप से नाराज जाटों को मनाने के लिए दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा (MP Parvesh Verma) के घर पर अमित शाह (Amit Shah) ने गणतंत्र दिवस को इलाके के अपनी पार्टी के जाट नेताओं को बुलाया। उनकी समस्याएं सुनी।
केन्द्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण का वादा पूरा न करने का आरोप
किसी ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न नही देने का दुखड़ा रोया तो किसी ने केन्द्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण (Jat Reservation) का वादा पूरा न करने की तोहमत लगाई। ऐसे में संजीव बालियान को भी लगे हाथों अपना प्रमोशन कराने का मौका हाथ लग गया। सो उन्होंने खुद तो नही लेकिन अपने समर्थकों से केन्द्र में कैबिनेट स्तर का एक भी जाट मंत्री न होने का मुद्दा उठवा दिया। यह सोचते हुए कि अमित शाह जाट वोंटों के महत्व को समझते हुए पीएम मोदी से उनको कैबिनेट मंत्री बनाने की बात कहेंगे।
लेकिन अमित शाह भी ठहरे राजनीति के घाघ खिलाड़ी। सो,अमित शाह ने यह कहते हुए संजीव बालियान के कैबिनेट मंत्री बनने का सपना तोड़ दिया कि हरियाणा के चौधरी वीरेन्द्र सिंह को बैबिनेट मंत्री बनाया था पर वे 75 के हो घए तो हटाना पड़ा। बाकी जाटों के आरक्षण व चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की बात अमित शाह गोल कर गए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी गहरी पकड़ का संदेश देना चाहती है
दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी गहरी पकड़ का संदेश देना चाहती है। पार्टी के आला रणनीतिकारों का यह मानना है कि इसके लिए जाट समर्थन बहुत जरुरी है। क्योंकि अगर पश्चिमी यूपी में जाट और मुसलमान वोट एक हो गए तो फिर पश्चिमी यूपी की जंग जीतना भाजपा के लिए असंभव है।
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