UP Election 2022: मीरापुर भी हॉट सीट, इस बार क्या होगा जीत-हार का अंतर

UP Election 2022 : यूपी विधानसभा में इस बार सबकी निगाहें मीरापुर पर हैं। इस बार मीरापुर से क्या कोई नया रिकॉर्ड बनेगा।

Report :  Neel Mani Lal
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2022-01-22 06:24 GMT

Muzaffarnagar Meerapur Assembly Seat

Up Election 2022 : यूपी विधानसभा के पिछले चुनाव में सबसे कम अंतर से हार जीत तय करने वाली सीटों में मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट (Muzaffarnagar Meerapur Assembly Seat) थी, जहां मात्र 193 वोटों से भाजपा को जीत मिली थी। इस बार सबकी निगाहें मीरापुर पर हैं कि क्या कोई नया रिकॉर्ड बनेगा। इस बार भाजपा ने प्रशांत गुर्जर को मैदान में उतारा है जबकि रालोद ने चंदन चौहान और बसपा ने मोहम्मद शालिम को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा के पिछले विजेता अवतार सिंह भड़ाना तो ऐन वक्त पर पार्टी छोड़ कर रालोद का दामन थामा है और रालोद ने उन्हें गौतमबुद्धनगर की जेवर सीट से चुनाव में प्रत्याशी बनाया है।

अब मीरापुर में मुकाबला रोचक बन गया है। प्रशांत गुर्जर के जरिये भाजपा जाट वोटबैंक पर नजर लगा रही है। जबकि बसपा की नजर मुस्लिम वोटों पर है। पिछले चुनाव में अवतार सिंह भड़ाना ने 193 वोटों से सपा प्रत्याशी लियाकत अली को हराया था। बहरहाल, मुजफ्फरनगर जिले के सबसे बड़े धर्म क्षेत्र शुकतीर्थ और संभलहेड़ा सिद्ध पीठ वाली सीट मीरापुर के समीकरण दिलचस्प हो गए हैं।

2012 में बसपा के टिकट से मौलाना जमील विधायक बने थे

जानसठ सुरक्षित सीट का हिस्सा मीरापुर (Muzaffarnagar Meerapur Assembly Seat) में मिलाए जाने के बाद यहां गुर्जर, अनुसूचित जाति और मुस्लिम समीकरण प्रभावी है। यही वजह है कि राजनीतिक दल इस सीट से गुर्जर या मुस्लिम प्रत्याशी को तवज्जो देते रहे हैं। 2012 में बसपा के टिकट से मौलाना जमील विधायक बने थे। 2017 में भाजपा की लहर चली, लेकिन कांग्रेस-सपा के गठबंधन के प्रत्याशी लियाकत अली ने दमदार मुकाबला किया था, लेकिन भाजपा के अवतार भड़ाना से हार गए।  

मीरपुर सीट पहले मोरना नाम से जानी जाती थी

मीरपुर सीट पहले मोरना नाम से जानी जाती थी। 2012 में मीरपुर सीट बनी है। पहले मोरना और फिर मीरापुर (Muzaffarnagar Meerapur Assembly Seat) विधानसभा में मुस्लिम जीतते रहे हैं। 1980 में मेहंदी असगर उर्फ मटरू मियां जनता दल सेक्यूलर से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 1985 में कांग्रेस से सईदुज्जमां, 1989 में जनता दल से अमीर आलम, 2007 में रालोद से कादिर राना और 2012 में बसपा से मौलाना जमील जीते हैं।

1996 में सपा से विधायक रहे थे

तत्कालीन मोरना से लगातार दो बार जीत हासिल करने वाले प्रदेश के डिप्टी सीएम रहे नारायण सिंह के बेटे स्वर्गीय संजय चौहान भी यहीं से 1996 में सपा से विधायक रहे थे। इस बार इस खानदान के तीसरी पीढ़ी के चंदन चौहान मीरापुर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

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