Saharanpur News: अपनी मांगों को लेकर किसानों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन, कहा- आखिर सरकार किसानों से कब करेगी बात
Saharanpur News: भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा है की आज पूरे प्रदेश में किसानों का हाहाकार मचा हुआ है। लगातार किसानों का उत्पीड़न जारी है जो भाकियू किसान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।;
किसान आंदोलन (File Photo) pic(social media)
Saharanpur News: सहारनपुर में किसानों के आंदोलन को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने बैठक आयोजित की। बैठक में किसानों के हक के लिए बात की गयी वहीं सरकार पर किसानों की न सुनने का आरोप भी लगाया गया।
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन की मासिक बैठक सहारनपुर कलेक्ट्रेट में आयोजित की गई। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा है की आज पूरे प्रदेश में किसानों का हाहाकार मचा हुआ है। किसानों का गन्ना भुगतान भी नहीं हो पा रहा है।
जनपद के जिन ग्राम पंचायतों में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है इनके गन्ना में भी किसानों को बहुत ही दिक्कत का आ रही है। वहीं गन्ना विभाग में पिछली ही व्यवस्था है।
भारतीय किसान यूनियन की मासिक बैठक आयोजित pic(social media)
किसान आंदोलन गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 8 महीने चला आ रहा है। उसे और मजबूत करने के लिए जनपद से शीघ्र ही गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पहुंचेंगे। लगातार किसानों का उत्पीड़न जारी है, भाकियू किसान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।
पंचायत के बाद 4 सूत्रीय मांग पत्र किसानों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा है और अपनी मांगे रखी हैं। भकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय कुमार ने बताया कि इस देश का अन्नदाता जो सबसे ज्यादा मेहनत करता है इस सरकार से पिछले 8 महीने से अपने कृषि
भारी संख्या में किसान दिल्ली में भागीदारी करेगा (File Photo) pic()social media
सरकार को आने वाले चुनाव में नतीजा भुगतना पड़ेगा
कानून रद्द करवाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। और जिस तरह टेलीविजन और अखबारों में दिखाया जा रहा है कि किसानों से सरकार बात करना चाह रही है लेकिन यह नहीं पता लग रहा है कि सरकार किसानों से कहां बात करेगी।
सरकार किसानों को न्योता नहीं भेजती है बात करने के लिए। और साथ ही जनता को गुमराह किया जा रहा है। और उसी उपलक्ष में सहारनपुर में भी महा पंचायत की बैठक का आयोजन किया गया है और भारी संख्या में किसान दिल्ली में भागीदारी करेगा। उसके लिए महापंचायत में रणनीति बनेगी और इस सरकार को आने वाले चुनाव में इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।
यह चुनाव पंचायत के नहीं है जो कि जबरदस्ती खरीद्दारी करके डरा के प्रशासनिक अधिकारी दबाव बनाके अधिकारी सहयोग लेकर बना लिया है। गांव में इस सरकार के प्रतिनिधि को गांव जनता में घुसने भी नहीं दिया जाएगा।