शामली का लाल: स्वतंत्रता दिवस पर शहीद के बूढ़े मां-बाप ने बेटे को नम आखों से किया याद

जम्मू कश्मीर के पुलवामा हमले में शहीद हुए शामली के जाबांज जवान अमित कोरी भी देश के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी थी।

Report :  Pankaj Prajapati
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-08-15 15:42 IST
पुलवामा हमले में शहीद हुए अमित कोरी की प्रतीमा

जम्मू कश्मीर के पुलवामा हमले में शहीद हुए शामली के जाबांज जवान अमित कोरी भी देश के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी थी। शामली के इस लाल ने 14 फरवरी को अपनी सीआरपीएफ के जवान की वर्दी में देश की रक्षा करते हुए शहादत दे दी थी। उस वक्त जवानों के अंतिम दर्शनों से लेकर रस्म तेरहवीं तक अफसर देश व प्रदेश के बड़े दिग्गजों ने शिरकत की। ऐसे में देश के लिए प्राणों को न्यौछावर कर देने वाले इन शहीदों को नमन करने का वक्त होगा।

कश्मीर में पुलवामा में आतंकियों के आत्मघाती हमले का 14 फरवरी का वह मनहूस दिन आज भी भुलाएं नहीं भुलता है। जब शामली ने अपने एक जाबांज शेर खो दिया था। अमित कोरी इस विस्फोट में शहीद हो गए। इसी दिन देर रात को जब हमले की जानकारी जनपद में फैली तो शहीद अमित कोरी के परिजनों का दिल बैठ सा गया था !

परिवार ने कहा अमित की कमी खल रही है

दरअसल आपको बता दें जम्मू कश्मीर में पुलवामा हमले में शहीद अमित कोरी का परिवार आज भी अमित की कमी खल रही है। देर रात में खबर मिली कि जवान अमित कोरी देश के लिए वीरगति को प्राप्त हो गए। शहीद अमित के परिजनों के साथ ही पूरे जनपद में मातम का माहौल पसर गया था। अंतिम यात्रा में शहीदों के घर से श्मशान घाट तक लोगों का हुजूम आखिरी दर्शनों के लिए उमड़ पड़ा था।

शहीद जवान अमित कोरी की प्रतीमा

शहीद अमित कोरी के अंतिम दर्शन के लिए केंद्रीय मंत्री से लेकर आम लोग शामिल हुए थे 

शहीदों की अंतिम यात्रा में हजारों की भीड़ उमड़ी तो पुलिस व प्रशासन को बड़ी तैयारियां करनी पड़ी थी। गम और गुस्से के माहौल में शहीदों के लिए नारे गूंजायमान होते रहे। हरेक शख्स की आंखें नम थी तो वहीं अनेकों की आंखों में अश्रुधारा थमने का नाम नहीं ले रही थी। शहीद अमित कोरी का पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार हुआ तो केंद्रीय मंत्री से लेकर जिले तक के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और आम जनता इसका साक्षी बने थे।

शहीद अमित कोरी 17 सितंबर 2017 सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे

शहीद अमित कुमार पुत्र सोहनपाल (23) 92 वीं बटालियन में वॉसरमैन थे। शहीद अमित 17 सितंबर 2017 को भर्ती हुए थे। ट्रेनिंग के बाद अमित की पोस्टिंग बारामूला सोपोर में हुई थी। अमित अवकाश पूरा कर श्रीनगर पहुंचने के बाद बारामूला सोपोर में जा रहे थे। जब वह पुलवामा पहुंचे तो अमित कोरी आत्मघाती हमले में शहीद हो गए थे। शहीद अमित कुमार के परिवार में पिता सोहनपाल, माता उर्मिला देवी, बडे भाई प्रमोद, अर्जुन, सुनील व अनिल तथा बहन मीनाक्षी है। शहीद जवान अमित कोरी शामली के राष्ट्रीय किसान इंटर कालेज के छात्र रहे हैं।

शहीद अमित के पिता ने कहा सरकार के अपने सारे वादे पूरे किए

शहीद अमित कोरी की पिता सोनपाल का कहना है कि जो सरकार ने वादे पूरे करने के लिए कहा था वह सरकार ने वादे पूरे किए हैं और जो सभी की मांग थी अमित कोरी के नाम से एक मार्ग तैयार हो गया और घर से महज 200 मीटर की दूरी पर प्रतिमा का अनावरण भी किया गया था। अमित के पिता का कहना है छोटा बेटा था लाडला बेटा था सभी का प्रेमी था। उसकी कमी हमेशा खलती रहेगी कि वह बच्चों को फ्री में ट्यूशन देता था।

देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले अमित कोरी के माता-पिता

अमित कोरी की मां का कहना है कि सबसे छोटा बेटा था उसकी बहुत कमी खली है। खलती रहेगी सरकार के द्वारा किए गए सभी वादे पूरे हो गए हैं। वह है भाई बहन में से सबसे छोटा बेटा था। त्योहारों पर अमित की बहुत याद आती है और उसकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती लेकिन जिस तरीके से घर चल रहा है फिलहाल ठीक चल रहा है।


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