Russia Ukraine War: यूक्रेन में फंसे भाई-बहन सकुशल घर पहुंचे, बयां किया युद्ध का खौफनाक मंजर

Russia Ukraine War: यूक्रेन में युद्ध की (Russia Ukraine conflict) विभीषिका के बीच शामली के दो भाई-बहन वंश भार्गव व मानवी सकुशल शामली में अपने निवास स्थान पर पहुंचने में सफल हो गए हैं।

Report :  Pankaj Prajapati
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-03-01 23:06 IST

शामली: यूक्रेन में फंसे भाई-बहन पहुंचे अपने घर

Shamli News: यूक्रेन में युद्ध की (Russia Ukraine conflict) विभीषिका के बीच शामली के दो भाई-बहन वंश भार्गव व मानवी सकुशल शामली में अपने निवास स्थान पर पहुंचने में सफल हो गए हैं। दोनों बच्चों की घर वापसी पर परिजनों के साथ-साथ शहर में भी खुशी का माहौल है। इन भाई-बहनों के अनुसार अभी भी यूक्रेन में हजारों की संख्या में भारतीय छात्र फंसे (Indian students stranded in Ukraine) हुए हैं तथा वहां के हालात बहुत ही गंभीर हैं।

प्रभात भार्गव के घर पर आज जश्न का माहौल है आज उनके जिगर के टूकड़े भाई-बहन अंश भार्गव व मानवी, यूक्रेन में युद्ध की विभीषिका (russia ukraine war) से गुजर कर वापस अपने घर में सकुशल लौट गए हैं।

मंगलवार को दो सगे भाई-बहन अंश भार्गव में मानवी यूक्रेन से एयर इंडिया (Air India) के विमान द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पहुंचे, जहां उनके परिजन उन्हें अपने साथ शामली लेकर आए दोनों भाई बहन अंश भार्गव व मानवी भार्गव जब घर पहुंचे तो परिजनों के साथ-साथ मोहल्ले वालों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। घर पहुंचते ही भगवान के सामने माथा टेका।


अंश भार्गव (यूक्रेन से लौटा छात्र)

इस मौके पर अंश भार्गव ने बताया कि 24 तारीख को सुबह हमले के बाद से निरंतर वहां के हालात खराब होते चले गए तथा रोमानिया के बॉर्डर पर अधिक भीड़ होने से अफरा-तफरी का माहौल रहा। उन्हें माइनस 10 डिग्री के टेंपरेचर पर सड़क पर रात गुजारनी पड़ी, जिसकी वजह से वे बीमार भी पड़ गए।

उन्होंने कहा कि बॉर्डर क्रॉस करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा अभी भी रोमानिया के बॉर्डर पर हजारों की संख्या में छात्र फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक प्राइवेट कंपनी ने हॉस्टल से बाहर निकालने में तथा बॉर्डर पार कराने में उनकी काफी मदद की।


मानवी भार्गव (यूक्रेन से लौटी छात्रा)

अंश भार्गव की छोटी बहन मानवी ने बताया की अभी काफी संख्या में हमारे देश के छात्र वहां पर फंसे हुए हैं। सरकार की पहली प्राथमिकता उन्हें निकालने की होनी चाहिए, उसके बाद हमारा भविष्य अनिश्चितता की स्थिति में है। हमें नहीं पता कि हमें डिग्री मिलेगी कहां की मिलेगी यूक्रेन का अस्तित्व बचेगा या नहीं उन्होंने अपने घर लौट कर राहत की सांस ली है।


गौरतलब है कि शामली में यूक्रेन से शामली के छात्रों को निकाले जाने की मांग को लेकर पीड़ित परिजनों के साथ साथ शहर के नागरिकों ने सुभाष चौक पर धरना प्रदर्शन किया था। जहां अश व मानवी के घर लौटने पर शहर के लोगों ने राहत की सांस ली है, वहीं उम्मीद की जा रही है कि जनपद शामली के शेष छात्र भी जल्दी ही वापस से कुशल अपने घर लौट जाएंगे।

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