Jhansi News : दूसरे राज्य के लोग फुटपाथ पर कर रहे जीवनयापन, भीख मांगने पर मजबूर
Jhansi News : स्मार्ट सिटी झाँसी के चित्रा चौराहे के पास "सबका मालिक एक" के सामने फुटपाथ पर भीख मांगकर लोग कर रहे जीवनयापन
Jhansi News : गरीबी, भूँख, बेरोजगारी की तड़प ने हमारा राज्य, हमारा गाँव छोड़ने पर हमें मजबूर कर दिया और हम निकल पड़े अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए। यह चौंकाने वाली बात स्मार्ट सिटी झाँसी के चित्रा चौराहे के पास "सबका मालिक एक" के सामने फुटपाथ पर गुज़र करने वाले परिवारों ने बताई है।
मार्गश्री सामाजिक संस्था के मार्गदर्शन में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय,झाँसी के "मास्टर ऑफ सोशल वर्क विभाग" के स्टूडेंट्स कु दिव्या पाण्डेय, प्रदीप नारायण और प्रथम सेन ने जब इन परिवारों से सघन चर्चा की तो बहुत ही भयावह तस्वीर निकल कर आयी है। यहां 20 से 25 परिवार है जिसमे 60 से 70 बच्चे है जो कई वर्षों से देश के विभिन्न प्रान्तों जैसे- राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश से फुटपाथ पर रह रहे हैं और सभी लोग गुब्बारे, कागज़ के खिलौने, झाड़ू एवं कबाड़ आदि बेचने का काम करते हैं और कई लोग भीख मांगने को भी मजबूर हैं। छोटे बच्चे और महिलायें भी कुछ न कुछ काम करते हैं।
ये लोग सबका मालिक एक के व्यवस्थापकों का धन्यवाद करते हैं और कहते हैं कि अगर यहाँ दो टाइम खाने की निशुल्क व्यवस्था न होती तो हम कबके भूंख से मर जाते। ये लोग शर्दी, गर्मी,बरसात में यहीं खुले में रहने को मजबूर हैं। झाँसी शहर के लोग कभी कभी पुराने कपड़े और खाने का सामान वितरण किया करते हैं उससे भी इन्हें बहुत मदद मिल जाती है। वे कहते हैं कि हम हमेशा असुरक्षित महसूस करते हैं और भगवान के भरोसे पड़े हुए हैं। कोई भी सरकार हमारे बारे में कभी कुछ नहीं करती है, हम तो लाचार और बेसहारा हैं।
कई तो विकलांग,एकल बुजुर्ग महिला, पुरुष भी हैं जो कुछ भी काम करने की स्थिति में भी नहीं हैं। मार्गश्री संस्था के निदेशक ध्रुवसिंह यादव कहते हैं कि हद से ज्यादा कष्ट में ये लोग जीवन यापन कर रहे हैं, केवल भीख और दया पर निर्भर हैं। सरकार से निवेदन है कि यदि कहीं एक स्थान पर आवास की व्यवस्था करते हुए इन्हें बसा दिया जाये और इनके राशन कार्ड बना दिये जायें तो इनकी बहुत मदद हो सकती है और वक्त से पहले मरने से बच सकते हैं। सर्वे टीम में सम्मिलित दिव्या कहतीं हैं कि महिलाओं की स्थिति तो बहुत ही खराब है असुरक्षित भी हैं। प्रदीप और प्रथम ने बताया कि कुछ लोग मानसिक रूप से भी विकलांग हैं इसलिये अक्सर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। मार्गश्री संस्था ने तय किया है कि झाँसी नगरवासियों को अधिक से अधिक संवेदनशील बनाते हुए इन परिवारों की मदद करने का प्रयास किया जायेगा।