आलमनगर से सीमेंट साइडिंग हटाने की याचिका खारिज

याचियों का कहना था कि उक्त सीमेंट रेलवे साइडिंग की वजह से भारी प्रदूषण होता है और वहां के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। याचियों की मांग थी कि कोर्ट उक्त सीमेंट रेलवे साइडिंग को किसी और नजदीकी स्टेशन पर शिफ्ट करने का आदेश पारित करे।

Update: 2019-11-25 14:33 GMT

विधि संवाददाता

लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आलमनगर रेलवे स्टेशन से सीमेंट रेलवे साइडिंग की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यदि उक्त सीमेंट रेलवे साइडिंग से याचियों को प्रदूषण की समस्या है तो वे यथोचित फोरम पर अपनी शिकायत रख सकते हैं।

यह आदेश जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने सुरेन्द्र पाल वर्मा व अन्य की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर दिया।

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याचियों का कहना था कि उक्त सीमेंट रेलवे साइडिंग की वजह से भारी प्रदूषण होता है और वहां के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। याचियों की मांग थी कि कोर्ट उक्त सीमेंट रेलवे साइडिंग को किसी और नजदीकी स्टेशन पर शिफ्ट करने का आदेश पारित करे।

कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जनहित में ही रेलवे उक्त स्थान का सीमेंट अनलोडिंग के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत देती है। उक्त रेलवे साइडिंग पिछले कई सालों से चल रही है और जनहित में ही रेलवे ट्रांसपोर्टरों को वहां सीमेंट अनलोड करने की इजाजत देती है।

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बिना किसी तथ्य के यह कोर्ट मात्र वहां के स्कूल और कॉलेज के मालिकों के कहने पर ऐसा आदेश नहीं पारित कर सकती।

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