UP News: PFI पर बैन लगाने के फैसले का यूपी के दोनों डिप्टी सीएम ने किया स्वागत, कही ये बात

PFI Ban: केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले पर जमकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने केंद्र के इस निर्णय का स्वागत किया है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-09-28 05:21 GMT

PFI Ban (photo: social media )

PFI Ban: कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के विरूद्ध केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए आखिरकार इस विवादास्पद संगठन को बैन कर दिया है। इस कार्रवाई की मांग लंबे समय से हो रही थी। कई राज्य केंद्र से पीएफआई के खिलाफ कठोर एक्शन लेने की मांग कर रहे थे। देश में केवल झारखंड ही ऐसा राज्य था, जहां ये संगठन प्रतिबंधित था। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस फैसले पर जमकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने केंद्र के इस निर्णय का स्वागत किया है।

पीएफआई को बैन करने को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, देश गृह मंत्री अमित शाह के फैसले की सराहना कर रहा है, हम उन्हें धन्यवाद देते हैं, निर्णय का स्वागत करते हैं। साथ ही उन्होंने फैसले का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा और ऐसे लोगों को जवाब मिलेगा।

केपी मौर्य ने ट्वीट कर कही ये बात

उत्तर प्रदेश सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा, भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा PFI पर प्रतिबंध का स्वागत करता हूँ,राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का पर्याय एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बन चुका था PFI,राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाला है यह फ़ैसला।

बता दें कि पिछले गुरूवार को देश के 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में में एनआईए और ईडी की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी। इस दौरान प्रतिबंधित संगठन के 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इस कार्रवाई के बाद बुधवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को 5 साल के लिए बैन कर दिया। इसके अलावा केंद्र सरकार ने 8 अन्य संगठनों को बैन किया है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिलने के बाद सरकार ने यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) के तहत ये कार्रवाई की ।

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