ज्ञानवापी व मथुरा मामले में अब PFI ने खोला मोर्चा, यूपी में मुस्लिमों को निशाना बनाने का आरोप
PFI Protest: काशी की ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर अदालती कार्यवाही में तेजी आने के बाद अब पीएफआई ने भी इन मस्जिदों को लेकर मोर्चा खोल दिया है।
PFI Protest: उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी (Gyanvapi) और मथुरा (Mathura) की मस्जिदों (Mosque Dispute) को लेकर गरमाए माहौल के बीच अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की भी एंट्री हो गई है। कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन माने जाने वाले पीएफआई ने भाजपा शासित राज्यओं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और असम में मुसलमानों को निशाना बनाने का बड़ा आरोप लगाया है। संगठन ने मुस्लिमों से अपील की है कि वे एकजुट होकर मस्जिदों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई का विरोध करें।
काशी की ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विभिन्न अदालतों में मामले विचाराधीन है। अदालती कार्यवाही में तेजी आने के बाद अब पीएफआई ने भी इन मस्जिदों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। हमेशा विवादों में रहने वाला यह संगठन सीएए और एनआरसी के खिलाफ चले आंदोलन के दौरान भी चर्चा में आया था।
याचिकाएं पूजा अधिनियम के खिलाफ
पीएफआई की हाल में केरल के पुत्थथानी में हुई बैठक में काशी की ज्ञानवापी और मथुरा की मस्जिद को लेकर हो रही कार्रवाई पर चर्चा की गई। बैठक के बाद संगठन की ओर से जारी बयान में काशी और मथुरा की मस्जिदों को लेकर दायर याचिकाओं को 1991 के पूजा अधिनियम का उल्लंघन बताया गया। संगठन ने कहा कि इन याचिकाओं को विचार के लिए कोर्ट की ओर से स्वीकार ही नहीं किया जाना चाहिए था।
संगठन ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है। संगठन ने इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और असम का जिक्र किया है। संगठन ने कहा कि इन राज्यों में मुस्लिमों पर अत्याचार किया जा रहा है।
मुस्लिमों से एकजुट होकर विरोध की अपील
कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन ने ज्ञानवापी में वजूखाने के इस्तेमाल पर अदालत की ओर से लगाई गई रोक पर तीखा विरोध जताया। पीएफआई ने कहा कि कोर्ट का यह फैसला मुस्लिमों को चोट पहुंचाने वाला और काफी निराशाजनक है।
संगठन ने कहा कि कर्नाटक के मंगलुरू में भी मस्जिद पर दावा किया जा रहा है। ऐसे दावों से कभी न खत्म होने वाली सांप्रदायिक दुश्मनी पैदा होने के साथ ही अविश्वास का माहौल भी बनेगा। संगठन की ओर से मुस्लिमों से अपील की गई कि वे मस्जिदों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का एकजुट होकर विरोध करें।
विवादों में घिरा रहा है पीएफआई
पीएफआई को कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन माना जाता है और यह संगठन पहले भी काफी विवादों में रहा है। उत्तर प्रदेश और असम में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी और इस हिंसा को भड़काने में पीएफआई का नाम प्रमुखता से सामने आया था। दिल्ली हिंसा के दौरान भी इस संगठन पर लोगों को भड़काने का आरोप लगा था।
उत्तर प्रदेश में इस संगठन के भड़काऊ गतिविधियों में शामिल होने के खुलासे के बाद सरकार की ओर से केंद्र से इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई थी। पीएफआई को आतंकी संगठन सिमी का फ्रंट ऑर्गनाइजेशन माना जाता रहा है। अब यह संगठन उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी और मथुरा की मस्जिदों को लेकर पैदा हुए विवाद में भी कूद पड़ा है।