रास्ते में फंसे कैलाश मानसरोवर के तीर्थ यात्री, कागजात लेकर एजेंट फरार

Update: 2016-05-29 11:21 GMT

लखनऊ: कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गया 40 श्रद्धालुओं का एक जत्था ठगी का शिकार हो गया है। वापसी पर जत्थे का एजेंट यात्रियों को बीच में ही छोड़कर फरार हो गया है। इन यात्रियों में 6 विदेशी सैलानी भी शामिल हैं।

40 यात्रियों के इस जत्थे में 12 तीर्थयात्री इलाहाबाद के है। इनमें सीआरपीएफ के पूर्व कमांडेंट और बीएसपी के नेता शामिल हैं ।

विदेशी भी फंसे

-मानसरोवर यात्रा का यह दल 19 मई को लखनऊ से रवाना हुआ था।

-यह दल दिल्ली स्थित कैलाश यात्रा एशिया नाम की ट्रेवल एजेंसी के माध्यम से तीर्थ यात्रा पर गया था।

-दल के सदस्यों से एजेंसी ने डेढ़-डेढ़ लाख रुपए लिए थे।

-इसमें 6 विदेशी और 12 तीर्थयात्री इलाहाबाद के हैं।

-इलाहाबाद के तीर्थयात्रियों में सीआरपीएफ के पूर्व कमांडेंट उमेश बाबू मिश्र भी शामिल हैं।

भागा एजेंट

-उमेश बाबू मिश्र ने शनिवार को घर फोन करके बताया कि ट्रैवेल एजेंट शुक्रवार को फरार हो गया है।

-एजेंट उस वक्त फरार हुआ जब यात्री नेपाल चीन सीमा के हुमला इलाके में पहुंचे थे।

-एजेंट सभी यात्रियों के सारे दस्तावेज भी ले भागा है।

फंसे यात्रियों में कई इलाहाबाद के

मुश्किल में तीर्थयात्री

-जानकरी होने पर यात्रियों ने नेपाल पुलिस को इसकी जानकारी दी।

-पुलिस की मदद से दल को सिमिकोट लाया गया, जहां से कुछ लोगों को नेपालगंज भेजा गया है।

-लेकिन उमेश बाबू सहित अब तक 12 लोग नेपाल चाइना बार्डर पर सिमिकोट में फंसे हैं।

-सिमिकेट सुनसान इलाका है और यहां इंडियन करेंसी भी नहीं चलती, इसलिए दल को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

फंसे यात्रियों को राहत नहीं

राहत नहीं

-उमेश बाबू के बेटे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस घटना को लेकर ट्वीट किया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।

-इलाहाबाद के एसपी सिटी राजेश यादव ने कहा कि फंसे हुए यात्रियों के परिजनों ने अब तक पुलिस से संपर्क नहीं किया है।

-फिर भी इलाहाबाद पुलिस जानकारी जुटाकर जरूरी कदम उठाएगी।

-नेपाल में ट्रैवेल एजेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है।

-दिल्ली स्थित कैलाश यात्रा एशिया नाम की ट्रेवल एजेंसी के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।

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