पिंड्रा विधायक अवधेश सिंह : माफ करिएगा मैं लहर वाला नेता नहीं हूं ! 

डॉ. अवधेश सिंह बीजेपी से पहले कांग्रेस, एसपी और बीएसपी के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन साल 2017 विधानसभा चुनाव में उन्होंने छह बार से विधायक रहे अजय राय को धूल चटा दी।

Update: 2020-09-30 13:52 GMT
Pindra MLA Avdhesh Singh: Sorry, I am not a wave leader!

आशुतोष सिंह

वाराणसी। कहते हैं मूड और मिजाज से बनारस के लोग भाजपाई होते हैं। लेकिन बनारस की एक ऐसी विधानसभा सीट हैं, जिस पर परचम लहरा पाना बीजेपी के लिए हमेशा ही मुश्किलों भरा रहा है। कभी वामपंथ का गढ़ रहे पिंड्रा विधानसभा सीट पर लंबे समय से कांग्रेस के दिग्गज अजय राय का कब्जा रहा। लेकिन साल पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के डॉक्टर अवधेश सिंह ने अजय राय के तिलिस्म को तोड़ दिया। चुनावी मैदान में अजय राय को धूल चटाने के बाद अवधेश सिंह की गिनती बीजेपी के दिग्गज नेताओं में होने लगी है।

बदल दी सड़कों की सूरत !

छात्र जीवन में ही राजनीति ककहरा सीखने वाले अवधेश सिंह ने बेहद कम समय में बीजेपी के अंदर अपनी अलग पहचान बनाई है। तेजतर्रार छवि और जुझारुपन के कारण उनकी गिनती बीजेपी आलाकमान के बेहद करीबियों में होती है।

न्यूजट्रैक से बातचीत के दौरान अवधेश सिंह ने मौजूदा राजनैतिक परिदृश्य पर बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि ‘मेरे पूर्व पिंड्रा विधानसभा सीट पर जिस व्यक्ति का कब्जा था, उनकी छवि से हर कोई वाकिफ है।

बनारस से सटा होने के बाद भी यह इलाका सालों से पिछड़ा था। सबसे अधिक सड़कों की समस्या थी। सड़क में गड्ढे हैं या फिर गड्ढे में सड़क है, ये कह पाना मुश्किल होता था। लेकिन मेरे कार्यकाल में इन सड़कों का कायाकल्प हो चुका है। पर्यटन के लिहाज से कई महत्वपूर्ण कार्य चल रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आईटीआई कॉलेज का निर्माण हुआ है। प़ॉलीटेक्निक क़ॉलेज की नींव जल्द ही पड़ने वाली है।

‘लोगों के दिलों पर राज करने वाला ही बनेगा राजनेता’

अवधेश सिंह के मुताबिक राजनीति के क्षेत्र में काफी बदलाव हुआ है। नए दौर में सियासत की परिभाषा भी बदल गई है। उनके अनुसार धनबल और बाहुबल का दौर अब बीत चुका है। राजनीति में वही कामयाब होगा, जो लोगों के दिलों पर राज करेगा। लोगों के दुख दर्द को समझना होगा।

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उन्होंने कहा कि लोग अब राजनीति में पढ़े-लिखे लोगों को पसंद कर रहे हैं। अब माफिया या फिर दबंग छवि वाले राजनेता, जनता की पसंद नहीं है।

नौकरशाही पर बताया अपना नजरिया

योगी सरकार में नौकरशाही का मुद्दा हमेशा छाया रहता है। आरोप लगते रहे हैं कि बीजेपी सरकार में नौकरशाही हावी रहती है लेकिन डॉक्टर अवधेश सिंह इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि योगी सरकार सही दिशा में काम कर रही है।

प्रदेश के विकास के लिए नौकरशाह और राजनेता में समन्वय जरूरी है, जो मौजूदा सरकार में दिख रहा है। नौकरशाही सही दिशा में काम कर रही है, यही कारण है कि प्रदेश विकास के रास्ते पर तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में पिंड्रा विधानसभा पर्यटन के लिहाज से बनारस का एक बड़ा केंद्र बनने जा रहा है।

कोरोना काल की चुनौतियों से कैसे निबटा ?

डॉक्टर अवधेश सिंह के मुताबिक कोरोना काल में जनप्रतिनिधियों के सामने बड़ी चुनौती थी। न सिर्फ गरीबों की मदद करनी थी बल्कि लोगों को महामारी से बचाना भी था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमारे क्षेत्र में एक भी आदमी भूखा ना सोये, इसकी पूरी कोशिश हुई।

सुबह से लेकर रात तक कार्यकर्ताओं के साथ लोगों की मदद के लिए जुटा रहा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिशों का ही नतीजा है कि जिले के दूसरे क्षेत्रों के मुकाबले पिंड्रा में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम है।

‘मैं लहर वाला नेता नहीं हूं’

सामाजिक सेवा और राजनीति के साथ डॉक्टर अवधेश सिंह को अध्यन-अध्यापन का शौक रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी ख्वाहिश है कि पिंड्रा विधानसभा शिक्षा के क्षेत्र में रोल मॉडल बनकर उभरे। इस दिशा में उन्होंने तेजी से कदम भी बढ़ाए हैं।

उन्होंने कहा कि जब भी मुझे समय मिलता है मैं बच्चों को पढ़ाने का कार्य करता हूं। मूलतः वाराणसी के ही निवासी डॉ अवधेश सिंह काशी विद्यापीठ में प्राध्यापक रह चुके हैं।

डॉ. अवधेश सिंह बीजेपी से पहले कांग्रेस, एसपी और बीएसपी के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन साल 2017 विधानसभा चुनाव में उन्होंने छह बार से विधायक रहे अजय राय को धूल चटा दी।

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अवधेश सिंह कहते हैं कि मैं लहर वाला नेता नहीं हूं। लोगों के बीच रहता हूं। उनके सुख-दुख को समझता हूं। पिंड्रा मेरे लिए सिर्फ एक विधानसभा सीट नहीं है बल्कि मेरी कर्मभूमि भी है।

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