पीएम मोदी ने मगहर में कबीर अकादमी का किया शिलान्यास , कबीर के जरिये दिया सियासी संदेश
पूर्णिमा श्रीवास्तव
गोररखपुर: मगहर पहुंचकर मोदी ने कबीरपंथियों के विवाद को दरकिनार कर कबीर मठ के महंत विचारदास से पूरी आत्मीयता से संवाद कायम किया। मोदी सबसे पहले संत कबीर की समाधि पर पहुंचे। चंद मिनटों के संवाद के बाद वह कबीर की मजार पर गए। कबीर गुफा में पहुंचकर मोदी ने उनके जीवन के बारे में विचारदास से विस्तार से चर्चा की। इसके बाद मोदी ने 24 करोड़ की लागत से प्रस्तावित कबीर अकादमी का शिलान्यास किया। पर्यटन सचिव अविनाश अवस्थी ने मोदी को अकादमी की डिजाइन को लेकर विस्तार से बताया। कबीर के दर पर मोदी के कार्यक्रम के सियासी मायने थे। दरअसल मोदी मगहर से पूर्वांचल के बुनकरों के साथ ही दलितों को साधना चाहते थे। इसके साथ ही मोदी ने कबीर के दर से पिछड़ी जाति के लोगों को सियासी संदेश दिया।
मोदी के साथ मंच पर खलीलाबाद संसद शरद त्रिपाठी, प्रदेश के संस्कृति मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला, मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र पांडेय, प्रदेश काबीना मंत्री रीता जोशी बहुगुणा और मुख्य सचिव राजीव कुमार की उपस्थिति रही। मोदी के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गोरखपुर और बस्ती मंडल के परिवहन विभाग के अधिकारियों को गाडिय़ों के इंतजाम की जिम्मेदारी दी गई थी। सिर्फ गोररखपुर के आरटीओ ने 250 छोटी बड़ी गाडिय़ों का इंतजाम किया था। भीड़ जुटाने के मकसद से ही मोदी का कार्यक्रम स्थल गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन के ठीक बगल में रखा गया था। यहां तक पहुंचना लोगों के लिए आसान था।
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कबीर के बहाने सियासत का संदेश
मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने भी मगहर से कबीर के बहाने सियासत का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 साल पहले कबीर ने देश में व्याप्त रुढिय़ों के खिलाफ आवाज उठाई। पीएम मोदी ने भी इसी संदेश को यह कहते हुए आगे बढ़ाया कि सबका साथ, सबका विकास। आज देश के अंदर विकास का माहौल है। देश की आर्थिक स्थिति सुधरी है, लोगों के आवास का सपना सरकार पूरा कर रही है। महिलाओं की सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर अभियान को सरकार ने संजीदगी से आगे बढ़ाया है। 72 लाख लोगों का व्यक्तिगत शौचालय बनाया गया। एम्स, फर्टिलाइजर, बीआरडी के उच्चीकृत करने की योजना चल रही है। पिछली सरकार चीनी मिल बेचती थी मगर हम उसे चलाकर लोगों को रोजगार दे रहे है। पहली बार ऐसा हुआ कि एक मंत्री के खिलाफ भी भ्रष्टïचार का आरोप नहीं लगा है। केंद्र सरकार की मदद से रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट को आगे बढ़ाया जा रहा है। जब तक जाति और भाषा के नाम पर समाज को तोडऩे वालों को दरकिनार नहीं किया जाएगा तब तक देश तरक्की नहीं कर सकता है। प्रदेश सरकार गांव, गरीब के लिए काम कर रही है। पीएम मोदी ने 8000 करोड़ का पैकेज गन्ना किसानों के लिए दिया है।
मंच पर अतिथियों को लेकर विवाद
मोदी के कार्यक्रम के एक दिन पहले मंच पर बैठने वाले अतिथियों के नाम को लेकर विवाद हो गया। चर्चा फैली कि मंच पर बैठने वाले अतिथियों में कबीर मठ के महंत विचार दास का नाम नहीं है जिसके चलते जम्मू से कबीरपंथियों को लेकर आने वाली स्पेशल ट्रेन को भी ऐन मौके पर निरस्त कर दिया गया। इसे लेकर गुरुवार तक ऊहापोह की स्थिति बनी रही। केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने सियासी अंदाज में कहा कि कबीर ने मानवता का संदेश दिया। यही संदेश आज पीएम मोदी दे रहे है। पीएम का साफ संदेश है कि धर्म, जाति और बिरादरी से ऊपर उठें।
मोदी ने भोजपुरी में की शुरुआत
पीएम मोदी ने 11.51 बजे माइक संभाला तो पूरा मंच गूंज उठा। भोजपुरी में संबोधन शुरू करते हुए पीएम ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हई कि हमे यहां आवे क मौका मिल। यहां आके नीक लागत बा। हम आप सब के पाव लागत बानी। पीएम ने संसद शरद त्रिपाठी को पूरा सम्मान दिया। मोदी ने कहा कि कबीर के दर पर आकर संतोष की अनुभूति हो रही है। तीर्थस्थल पर आने की मनोकामना पूरी हो गई। उस गुफा को देखा जहां कबीर साधना करते थे। मगहर में कबीर ने नानक और गोरखनाथ से चर्चा की थी। आज से अमरनाथ यात्रा भी शुरू हो रही है। कबीर की बैद्धिक संपदा का लाभ सभी को मिलेगा। कबीर का दोहा पढ़कर मोदी ने कहा कि संत का साथ हमें पुण्य देता है। कबीर अकादमी में उनके विचार को संजोया जाएगा। आर्ट गैलरी के साथ शोध भी यहां होंगे।
कबीर के संदेशों का किया उल्लेख
मोदी ने कहा कि कबीर का सारा जीवन सत्य की खोज और असत्य के खंडन में बीता। कबीर अपने कर्म से वंदनीय हो गए। कबीर धूल से माथे का चंदन बन गए। विचार बनकर आए और व्यवहार बनकर अमर हो गए। मगहर को उन्होंने सबसे पवित्र बताया था। काशी और मगहर के भेद को उन्होंने दूर किया। कबीर भारत की आत्मा का दीप और सार कहे जा सकते हैं। उन्होंने जाति-पांति के भेद को तोड़ा। सबकी एक जाति का संदेश दिया। वह सबके थे। इसलिए सब उनके हो गए। उन्होंने न काहू से दोस्ती की बात कहकर उन्होंने जीवन के गहन रहस्य को बताया। अपने को सुधारो तो हरि मिल जाएंगे। कबीर ने ही यह संदेश दिया कि गुरु के ज्ञान के दीपक से अंधकार मिटता है।
सैकड़ों साल की गुलामी के बाद देश की संस्कृति कबीर जैसे संतों के चलते बची रही। कुरीतियों के खिलाफ देश के हर कोने में संतों का जन्म हुआ। उत्तर, दक्षिण, पूरब और पश्चिम में संतों के संदेश के चलते भारत संकट से निकलता रहा। संत रामानुज ने कबीर को रामनाम की राह दिखाई। मोदी ने कहा, कबीर के बाद रैदास आए। गांधी और अम्बेडकर ने अपने-अपने तरीके से संदेश दिया। आज अम्बेडकर जैसे लोगों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। पार्टियां रंग और जाति की राजनीति करते हैं। इन्हें नहीं मालूम देश का मूल स्वभाव क्या है। ढाई अक्षर प्रेम का संदेश देने वाले कबीर से नेताओं का सरोकार नहीं है। यहां के नेताओं के बंगले की चाह है। पिछली सरकार आवास को लेकर बेपरवाही थी। उन्हें अपने बंगले में रुचि थी, गरीबों के आवास पर नहीं। योगी सरकार ने गरीबों को आवास दिया है।
तीन तलाक का मुद्दा भी उछाला
पार्टियों का नाम लिए बैगर मोदी ने सपा और बसपा पर निशाना साधा। मोदी बोले, आपातकाल लगाने और उसका विरोध करने वाले कुर्सी के लिए एक साथ आ रहे है। ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है। मोदी ने तीन तलाक का मुद्दा उछालते हुए विरोधियों पर बिल पर रोड़े लटकाने का आरोप लगाया। कबीर ने कहा था कि बादशाह लोगों की दुख दूर करने वाला होना चाहिए, लेकिन यहां कुछ परिवार कबीर के बातों और संदेशों को नकारने में लगे हुए हैं। गरीबी हटाने के नाम पर पार्टियां वोटरों को खुद का आश्रित करती थीं। हमारी सरकार महिलाओं, नौजवानों और किसानों को योजनाओं के जरिये आत्मनिर्भर बनाने की कवायद में जुटी है। मोदी ने कहा कि गरीब आत्मसमान से जीने का मौका देना सरकार की प्राथमिकता है। सड़क और सुविधाओं को गांव तक पहुंचाया जा रहा है। सरकार ने मगहर की तरह पूर्वांचल की उपेक्षा की है। पूर्वांचल की एक-एक इंच धरती को विकसित किया जाएगा। एपीजे अब्दुल कलाम के सपने के मगहर को सरकार विकसित करेगी। मोदी ने कहा, कबीर की वाणी हमारे लिए पथ दिखाने वाली है।
विपक्ष पर समाज को तोडऩे का आरोप
पीएम नरेन्द्र मोदी ने संतकबीरनगर से विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि संतकबीर का पूरा जीवन ऊंच-नीच और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करते गुजरा, लेकिन विपक्ष ने उनके दर्शन को न तो पढ़ा और न समझा। उन्होंने कबीर, संत रविदास सहित दक्षिण और उत्तर भारत के कई महापुरुषों का जिक्र किया। मोदी ने डा.भीमराव अम्बेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सबने अपने समय में समाज को दिशा देने की कोशिश की लेकिन आज सत्ता चाहने वाली ताकतें इन्हीं महापुरुषों के नाम पर समाज को तोडऩे की साजिश कर रही हैं। ऐसी ताकतों को दरअसल मालूम ही नहीं कि इस देश का मूल स्वभाव क्या है।
पिछली सरकार को बंगले की चिंता थी
पीएम ने अपने भाषण में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि यूपी की पिछली सरकार को गरीबों, दलितों, शोषितों की नहीं, अपने बंगले की चिंता थी। इसका उदाहरण यह है कि केंद्र सरकार ने गरीबों की आवास योजना के लिए उन्हें बार-बार पत्र लिखे, फोन किए लेकिन राज्य सरकार ने यह तक नहीं बताया कि कितने आवास बनने हैं। पीएम ने यूपी सरकार की तारीफ की और कहा कि नई सरकार बनने के बाद यूपी में रिकार्ड गति से आवासों का निर्माण हो रहा है।
सत्ता की लालच में मिला लिया हाथ
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और सपा-बसपा के बीच हो रही गठबंधन की कोशिशों पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्?ता का लालच ऐसा है कि एक समय में आपातकाल लागू करने वाले और उसका विरोध करने वाले आज कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी झपटने की कोशिश में हैं। लेकिन जनता को गरीबों को धोखा देकर करोड़ों-अरबों की कमाई कराने वालों से सतर्क रहना चाहिए।
मनुष्य-मनुष्य में भेद स्वीकार नहीं
पीएम ने कहा कि संतकबीर ने मनुष्य-मनुष्य में भेद के खिलाफ आवाज उठाई। कहा कि शासक वही है जो जनता के दर्द को समझे। उन्होंने रुढिय़ों पर प्रहार किया। वह श्रमजीवी थे और मांगने को मरण से बढ़कर मानते थे, लेकिन आजादी के बाद देश में हमेशा से गरीबों को आश्रित बनाकर रखने की कोशिश की गई। पिछले चार साल में उनकी सरकार ने इस रीति-नीति को बदला है। उन्होंने अपनी सरकार की उज्जवला रसोई गैस, सुरक्षा बीमा कवच, शौचालय, बैंक खातों में सीधा पैसा ट्रांसफर करने, आयुष्मान भारत सहित तमाम योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि ये योजनाएं संतकबीर के दर्शन का ही प्रतिबिम्ब हैं।