Sonbhadra News: अजीबोगरीब इंजीनियरिंग, बगैर बालू-सीमेंट के जोड़ दी सड़क की सुरक्षा दीवार, करोड़ों का बंदरबांट
Sonbhadra News Today: ग्रामीणों का दावा है कि पीएमजीएसवाई के तहत बनाई जा रही सड़कों में इन दिनों यहां अजीबोगरीब इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर करोड़ों के धनराशि की बंदरबांट की जा रही है
sonbhadra News: जिले के नक्सल प्रभावित एवं सीमा क्षेत्र से सटे इलाकों में आवागमन सुगम बनाने के लिए किए जा रहे सड़कों के निर्माण में जमकर बंदरबांट का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का दावा है कि पीएमजीएसवाई के तहत बनाई जा रही सड़कों में इन दिनों यहां अजीबोगरीब इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर करोड़ों के धनराशि की बंदरबांट की जा रही है। ताजा मामला नगवां ब्लाक के दुल्लहपुर से नंदना गांव तक के लिए बन रही 11 किमी लंबी सड़क का है। आरोप है कि यहां बनाई जा रही सड़क की सुरक्षा दिवार, बगैर किसी मसाले के ही जोड़ दी जा रही है। इसको लेकर ग्रामीण एतराज भी जता रहे हैं तो वहां मौजूद मुंशी-ठेकदार द्वारा उन्हें जाकर विभागीय अधिकारियों से बात करने की बात कहकर, टरका दिया ज रहा है। बगैर मसाले की सुरक्षा दिवार बनाए जाने की वीडियो-तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं। बावजूद, महकमे की तरफ से अब तक इस मामले को लेकर कोई प्रभावी पहल सामने नहीं आई है। इससे लोगों में नाराजगी है।
सड़क की गुणवत्ता पर भी उठाया जा रहा सवाल
मानकों की अनदेखी कर, बगैर मसाले के ही सुरक्षा दिवार बनाने, यानी बगैर सीमेंट-बालू का प्रयोग किए, सीधे एक के बाद एक पत्थर रखने को लेकर सवाल तो उठाए ही जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण में भी गुणवत्ताविहीन सामग्री और कुटाई तथा निर्धारित लेयर में सामग्री के प्रयोग को लेकर गड़बड़ी की जा रही है। उधर, पूर्वांचल नव निर्माण मंच के उपाध्यक्ष गिरीश पांडेय की तरफ से इसको लेकर डीएम, एडीएम सहित अन्य अधिकारियों को शिकायत भी भेजी गई हे। उनका आरोप है कि 11 किलोमीटर सड़क के किनारे बनाई जा रही सुरक्षा दीवार को बगैर सीमेंट बालू लगाए ही, पत्थर को रख दिया जा रहा है।
इस बात का भी आरोप लगाया जा रहा है कि सुरक्षा दीवार में जो पत्थर लगाए जा रहे हैं तो उसे वैध खदानों से लाने की बजाय, आस-पास मौजूद वन विभाग से उठाए गए पत्थरों या फिर स्थानीय पहाड़ियों में अवैध खनन कर लाए गए पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। कहा कि जब सुरक्षा दीवार में ही इस तरह का खेल खेला जा रहा है, सड़क निर्माण में गुणवत्ता का कितना ख्याल रखा जाएगा, इस बात को आसानी से समझा जा सकता है। इस मामले में जानकारी के लिए सडक निर्माण का काम देख रहे सहायक अभियंता नंदन कुमार के सेलफोन पर कई बार रिंग की गई लेकिन काल रिसीव न होने के कारण, उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।